चट्टान के किनारे टिका है ये रहस्यमयी पत्थर, महिलाएं नहीं छूं सकती इस पत्थर को  

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Kyaiktiyo Pagoda
Kyaiktiyo Pagoda

Kyaiktiyo Pagoda: 25 फीट ऊंचा है ये गोल्डन रॉक

Kyaiktiyo Pagoda: एक विशाल पत्थर जो एक पहाड़ी की ढ़लान में कई वर्षों से टिका हुआ है। सोचिए जरा आप इस पत्थर के नीचे से जा रहे हों और अचानक ये पत्थर नीचे आ जाए तो, घबराइये मत ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला। कई सालों में इस जगह पर भयानक तूफान आए, आंधी आई लेकिन ये आंधी इस पत्थर को टस से मस भी न कर पाई। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए दूर- दूर से यहां लोग आते हैं लेकिन इन लोगों में शामिल महिलाओं को इस पत्थर को छूने की अनुमती नहीं हैं। मगर क्यों? इस पत्थर से जुड़े सभी सवालों के जवाब आपको आज मिलेंगे।

जिस पत्थर (Kyaiktiyo Pagoda) की हम बात कर रहे हैं वो म्यांमार में स्थित है जो करीबन 25 फीट ऊंचा है और लगभग 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ये पत्थर सुनहरे रंग का है जो बड़े ही विचित्र तरीके से कई वर्षों से एक दूसरे पत्थर की ढ़ाल पर टिका हुआ है।

म्यांमार में मौजूद ये पत्थर बौद्धों का एक प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। इस पत्थर को अगर आप देखेंगे तो ये एक सोने के पत्थर की तरह दिखाई देता है और इसी कारण इसे गोल्डन रॉक भी कहा जाता है। वैसे आपको बता दें कि असल में इस विशाल पत्थर का नाम है क्यैकटियो पगोड़ा (Kyaiktiyo Pagoda).

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वहीं आपको बता दें कि इस पत्थर (Kyaiktiyo Pagoda) के सुनहरे रंग का होने के पीछे का कारण है कि यहां लोग जब इस पत्थर के दर्शन करने के लिए आते हैं तो इनमें से कई लोग इस पत्थर पर सोने की पत्तियां चिपका देते हैं और ऐसा करते करते ये पूरा पत्थर अब सुनहरे रंग का दिखाई देता है।

अब आपको बताते हैं कि आखिर कैसे 25 फीट ऊंचा ये पत्थर एक दूसरे पत्थर की ढलान में इतने सालों से टिका हुआ है। कैसे इस पत्थर को आज तक कोई आंधी-तूफान टस से मस भी न कर पाया। कहा जाता है कि क्यैकटियो पगोडा (Kyaiktiyo Pagoda) का 581 ईसा पूर्व में निर्माण कराया गया था, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि एक बौद्ध भिक्षु द्वारा 11वीं सदी में क्यैकटियो पगोडा (Kyaiktiyo Pagoda) का निर्माण कराया गया था।

इसी बौद्ध भिक्षु द्वारा इस पत्थर को भगवान बुद्ध के बालों के सहारे दूसरी चट्टान की ढलान में टिकाया गया था और इसी कारण ये पत्थर आजतक अपनी जगह से टस से मस तक नहीं हुआ है।

Kyaiktiyo Pagoda
Source: Social Media

बौद्धों की इस पत्थर (Kyaiktiyo Pagoda) पर काफी आस्था है, कहा जाता है कि जो कोई भी इस पत्थर के साल में तीन बार दर्शन करले तो उसकी जिंदगी से दुख-दर्द और गरीबी हमेशा हमेशा के लिए चली जाती है। वहीं इस पत्थर को लेकर एक मान्यता ये भी है कि यहां खड़े होकर मांगी गई हर मन्नत पूरी जरूर होती है।

अब आपको बताते है कि क्यों किसी भी महिला को इस पत्थर (Kyaiktiyo Pagoda) को छूने की इजाजत नहीं है। आप सभी को ये तो मालूम ही है कि ये पत्थर आजतक अपनी जगह से हिला तक नहीं है, लेकिन केवल एक चीज इस पत्थर को अपनी जगह से खिसका सकती है और वो है एक महिला।

ऐसी मान्यता है कि इस पत्थर को केवल कोई महिला ही अपनी जगह से हिला सकती है और इसी कारण महिलाओं को इस पत्थर को छूने की अनुमति नहीं है, लेकिन महिलाएं इस पत्थर (Kyaiktiyo Pagoda) के दर्शन दूर से ही कर सकती हैं। वहीं ये सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी महिला भूलकर भी इस पत्थर को न छू ले इस लिए इसके गेट पर हर समय कुछ सुरक्षाकर्मी रहते हैं जो इस पत्थर पर नजर रखते हैं।

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