UTTARAKHAND DEVBHOOMI DESK:केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड राज्य में व्यावसायिक शिक्षा(vocational training in uttarakhand) को बढ़ावा देने के प्रयास के अंतर्गत, 47 स्कूलों में हब एंड स्पोक मॉडल शुरू होगा। योजना के अनुसार इन स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई आसानी से हो सकेगी। इस योजना के अंतर्गत जिन भी स्कूलों में प्रयोगशाला नहीं है, उन स्कूलों के छात्र-छात्राओं को अन्य स्थानों पर प्रयोगशाला तक आने-जाने के लिए सरकार हर साल तीन हजार की राशि भुगतान करेगी।
इसके साथ साथ व्यावसायिक पाठ्यक्रम के शिक्षकों को मानदेय के साथ हर महीने छह हजार रुपये की अतिरिक्त राशि भी मिलेगी। उप राज्य परियोजना के निदेशक प्रद्युम्न रावत ने बताया है कि केंद्र सरकार की ओर से इस योजना(vocational training in uttarakhand) को मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड में इसी महीने से ये मॉडल लागू हो जाएगा।
बता दें कि उतराखंड में वर्तमान समय में दो सौ स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम चलाए जा रहें हैं। शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन सभी स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रयोगशाला भी हैं , इसके अलावा वोकेशनल ट्रेनर हैं। इस समय इन सभी स्कूलों में टूरिज्म, एग्रीकल्चरऔर प्लंबर जैसे आठ व्यावसायिक कोर्स चलाए जा रहे हैं।
अब सरकार इन स्कूलों के आसपास के स्कूलों के विद्यार्थियों को भी व्यवसायिक शिक्षा(vocational training in uttarakhand) देने की तैयारी में है। इसलिए ही केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड के 47 स्कूलों में हब एंड स्पोक मॉडल को मंजूरी दी गई है।
vocational training in uttarakhand:व्यवसायिक शिक्षा होगी आसान
उत्तराखंड शिक्षा विभाग के अनुसार राज्य के 200 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के कोर्स संचालित किये जा रहें हैं। उन स्कूलों के आस पास करीब पांच से सात किलोमीटर दूरी तक के अन्य स्कूलों के छात्र-छात्राओं को भी अब व्यावसायिक पाठ्यक्रम सीखने के अवसर मिलेंगे। इन 200 स्कूलों के वोकेशनल ट्रेनर (vocational training in uttarakhand) छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित करेंगे।
ये भी पढ़ें-
उत्तरकाशी में देर रात आए भूकंप के झटके, घर छोड़ कर भागे लोग
क्या होते हैं हब और स्पोक स्कूल
अगर सीधी भाषा में कहे तो हब स्कूल ऐसे स्कूल होते हैं, जिनमें व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं और प्रयोगशाला हैं। इसके अलावा इन स्कूलों में वोकेशनल ट्रेनर भी हैं। (vocational training in uttarakhand) वहीं दूसरी ओर स्पोक स्कूल, हब स्कूल के पांच से सात किलोमीटर के दायरे के वे स्कूल हैं जिनमें वोकेशनल ट्रेनर नहीं हैं, न ही व्यावसायिक शिक्षा की प्रयोगशाला है। हब एण्ड स्पोक मॉडल की इस योजना से इन स्कूलों के छात्रों को व्यवसायिक शिक्षा का लाभ मिल सकेगा।
देवभूमि उत्तराखंड से जुड़ी हर खवबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज