Village of Twins: भारत, जर्मनी और लंडन के शोधकर्ताओं का क्या है कहना?
Village of Twins: पूरे विश्व में पैदा होने वाले 1000 बच्चों में से केवल 7 या 8 बच्चे ही जुड़वा पैदा होते हैं, लेकिन भारत का एक ऐसा गांव है जहां केवल जुड़वा बच्चे ही जन्म लेते हैं। आखिर कैसे यहां जन्म लेने वाले बच्चे सिर्फ जुड़वा ही पैदा होते हैं। ये एक अनोखा गांव है जिसे ट्विन्स विलेज या फिर विलेज ऑफ ट्विन्स (Village of Twins) भी कहा जाता है।
केरल के मलप्पुरम जिले का एक छोटा सा गांव, जिसका नाम है कोडिन्ही (Village of Twins). इस गांव में पैदा होने वाले 1000 बच्चों में से 45 ट्विन्स पैदा होते हैं। यहां हर साल जुड़वा बच्चों की संख्या बढ़ती रहती है। खोजकर्ता भी इस गांव में पैदा होने वाले जुड़वा बच्चों (Village of Twins) के रहस्य से हैरान है। इस गांव में आप जैसे ही प्रवेश करेंगे आपको एक भूरे रंग का बोर्ड भी नजर आएगा, जिसमें लिखा है ट्विन टाउन।

आपको बता दें कि इस गांव में करीबन 2000 परिवार रहते हैं और इनमें से करीबन 450 परिवारों में जुड़वा बच्चे पैदा होते है। 2008 के आंकड़ों के अनुसार यहां इस वर्ष 280 जुड़वा बच्चे पैदा हुए थे और हर साल ये आंकड़ा बढ़ता जाता है।
कई वर्षों से इस गांव (Village of Twins) में ज्यादातर जुड़वा बच्चे ही पैदा होते रहे हैं, लेकिन इस बात पर गांव के लोगों ने कभी ध्यान ही नहीं दिया। ये गांव तब चर्चाओं में आया जब यहां की दो जुड़वा बच्चियों ने इस बात पर ध्यान दिया कि उनकी क्लास में पढ़ने वाले 8 बच्चे जुड़वा हैं, इसके बाद इन बच्चियों ने देखा कि इनके स्कूल में अधिकतर ऐसे ही बच्चे हैं।
जिन बच्चियों ने इस बात पर ध्यान दिया उनका नाम हैं समीरा और फेमिना। 8वीं कक्षा की इन बच्चियों की जोड़ी ने इस गांव में रह रहे सभी लोगों को इस बात से रूबरू कराया कि वह सभी लोग कोई आम लोग नहीं हैं बल्की अनोखे हैं।
इन बच्चियों ने इसके बाद एक छोटा सा रिसर्च किया, ये इनका एक असाइनमेंट था जिसमें उनके ही स्कूल में 24 जोड़े जुड़वा बच्चों के थे। इस रिसर्च के बाद गांव के लोगों ने इस बात पर ध्यान दिया और उन्होंने बताया की लगभग 3 पीढ़ियों से यहां ऐसा ही चला आ रहा है।
अब जब ये बात गांव वालों को पता चली तो धीरे धीरे इस बात का ज्ञान बाहर के लोगों को भी हुआ। जिसके बाद पूरे भारत में ये गांव यहां पैदा होने वाले जुड़वा बच्चों के लिए प्रसिद्ध हो गया। यहां तक की सरकार द्वारा भी इस गांव को नाम दिया गया, “विलेज ऑफ ट्विन्स”।
इस अनोखे गांव (Village of Twins) पर कई बाहर के लोग शोध करने भी आए। 2016 में यहां कई शोधकर्ताओं का एक ग्रुप आया जिसमें भारत समेत लंडन और जर्मनी के शोधकर्ता शामिल थे। इन शोधकर्ताओं द्वारा इन लोगों के डीएनए पर रिसर्च करने के लिए इनके बाल और स्लाइवा के नमूने लिए गए।
इन नमूनों पर जब रिसर्च की गई तो इसका कोई भी संबध किसी वैज्ञानिक कारण से जुड़ा नहीं मिला। जिसके बाद कहा गया कि इस गांव (Village of Twins) में जुड़वा बच्चे इसलिए पैदा होते हैं क्योंकि इस गांव का वातावरण ही कुछ ऐसा है, यहां के पानी और खाने में कुछ ऐसे तत्व मौजूद है जिसके कारण यहां पैदा होने वाले बच्चे जुड़वा पैदा होते हैं। हालांकि इस बात पर भी अबतक संदेह बना हुआ है।
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