छोटे से छेद में कैसे समा जाती है आधी नदी?

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Devil’s Kettle Waterfall: इस झरने को देख वैज्ञानिक भी रह गए हैरान

Devil’s Kettle Waterfall: पृथ्वी कई रहस्यों से भरी हुई है, वहीं इन रहस्यों को जानने की उत्सुकता हमेशा से ही इंसानों के अंदर देखने को मिली है। कभी- कभी जब इंसान किसी रहस्य से पर्दा उठाने की खोज पर निकलता है तो उसे कुछ ऐसा मिल जाता है जो उसके अंदर की जिज्ञासा को और बढ़ा देता है।

ऐसा ही जिज्ञासा का एक केंद्र बना हुआ है अमेरिका का एक वॉटरफॉल जिसे नाम दिया गया है “द डेविल्स केटल” (Devil’s Kettle Waterfall). इंसान ने इस वॉटरफॉल की गुत्थी को सुलझाने का बहुत प्रयास किया लेकिन वो इस वॉटरफॉल की गुत्थी को आजतक नहीं सुलझा पाया।

इस वॉटरफॉल (Devil’s Kettle Waterfall) में हैरान कर देने वाली बात ये है कि ये पूरा का पूरा वॉटरफॉल पलभर में एक छोटे से छेद में समा जाता है और उसके बाद ये पानी कहां जाता है इसके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं है।

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यह झरना (Devil’s Kettle Waterfall) अमेरिका के सुपीरियर लेक के उत्तरी किनारे पर स्थित है। ये झरना (Devil’s Kettle Waterfall) दिखने में जितना ज्यादा खूबसूरत है उतना ही ज्यादा रहस्यमयी और खतरनाक भी है। झरने का मुख्य स्रोत है ब्रुल नदी, इस नदी का पानी जंगल के बीच से घुमावदार और सकरीली चट्टानों से होते हुए नीचे गिरता है जिसे द डेविल्स केटल के नाम से जाना जाता है।

आपको बता दें कि इस झरने का नाम द डेविल्स केटल (Devil’s Kettle Waterfall) इसलिए पड़ा है क्योंकि जब ये झरना चट्टानों से नीचे की ओर गिरता है तो ये एक छोटे से छेद में समा जाता है, जिस जगह पर ये पानी गिरता है उस जगह पर कढ़ाई जैसा एक छोटा सा छेद है जिसके अंदर ये पानी समा जाता है इसलिए इस वॉटरफॉल को द डेविल्स केटल (Devil’s Kettle Waterfall) के नाम से जाना जाता है।

ये पानी कहां गायब हो जाता है इसके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं है, हालांकि इस पर वैज्ञानिकों द्वारा कई शोध भी किए गए लेकिन कोई भी वैज्ञानिक इस झरने के पीछे के रहस्य को नहीं जान पाया कि आखिर नदी का आधा पानी इस छेद से होते हुए कहां चला जाता है।

कई बार वैज्ञानिकों द्वारा इस वॉटरफॉल (Devil’s Kettle Waterfall) में कलर डाई और पिंग-पांग बॉल जैसी चीजें भी डाली गईं ताकी इस झरने के रहस्य की गुत्थी को सुलझाया जा सके लेकिन फिर भी वैज्ञानिकों को इसमें कोई सफलता हाथ नहीं लगी। आपको बता दें कि कलर डाई और पिंग-पांग बॉल इसलिए इस्तेमाल किया जाता है ताकी पानी के रस्ते की खोज की जा सके, लेकिन इसे इस्तेमाल करने के बाद भी विज्ञान के हाथ कुछ न लगा।  

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