Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड में अंकिता भंडारी मर्डर केस में कई पहलू गंभीर सवाल खड़े कर (Ankita Murder Case) रहे हैं। बताया जा रहा है कि अंकिता हत्याकांड का अहम गवाह खुशराज हत्या के अगले दिन ही पुलिस थाना लक्ष्मणझूला पहुंच गया था। उसके साथ आरोपी सौरभ और रिजॉर्ट के तीन कर्मचारी भी थे। यह बात कोर्ट में जिरह के दौरान गवाह खुशराज ने यह बात बचाव पक्ष को बताई है। इससे पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं।
बताया जा रहा है कि उन्हें पुलिस थाने में चार दिनों तक रखा गया था। ऐसे में अब ये सवाल सामने आ रहा है कि गवाह और आरोपी एक साथ थाने में क्या कर रहे थे? जब जांच पटवारी पुलिस कर रही थी तो आरोपी और गवाह रेगुलर पुलिस के पास क्यों गये? बता दें कि 17 वर्षीय खुशराज वही गवाह था जिसने फोन पर अंकिता को चिल्लाते हुए सुना था।
Ankita Murder Case: यह था मामला
गौरतलब है कि 18 सितंबर को अंकिता (Ankita Murder Case) अचानक रिजॉर्ट से गायब हो गई। ऐसे में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने पटवारी चौकी में दर्ज कराई। लेकिन मामला इतना बढ़ गया था कि शासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। वहीं 24 सितंबर को अंकिता का शव बरामद हुआ था।
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