शीतकालीन सत्र के प्रथम दिवस पर आज सदन में प्रवेश करने से पूर्व उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, वन मंत्री हरक सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सहित सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सभी विधायकों द्वारा सदन की गैलरी में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।
देहरादून: देश के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी एवं 11 अन्य सैन्य अधिकारियों की दुर्भाग्यपूर्ण तथा असामयिक मृत्यु पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के कैम्प कार्यालय पर आयोजित श्रृद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान हंस फाउंडेशन की संस्थापक माता मंगला तथा कई सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी कार्यालय में श्रद्धांजलि देने पहुंचे। श्रृद्धांजलि सभा के दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी एवं पूर्व सैनिकों द्वारा स्वर्गीय बिपिन रावत के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित की और दो मिनट का मौन धारण करके भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उनके जनरल विपिन रावत से घरेलू संबंध थे तथा उनका उत्तराखंड से खासा लगाव था। मुझे तो अभी भी बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा कि मेरे अनन्य मित्र विपिन रावत नहीं रहे। यह समूचे राज्य के लिए अत्यधिक भावुक और विचलित कर देने वाला पल है। उत्तराखण्ड में जन्में सीडीएस विपिन रावत का इस धरती के लिए विशेष लगाव रहा। शायद यही कारण था कि राज्य के सैनिक मामलों में मुझे उनसे अपेक्षा के कहीं अधिक सहयोग प्राप्त होता रहा। चाहे सेना भर्ती में राज्य के युवाओं को ऊंचाई में मिली छूट का सवाल हो या फिर राज्य में बीआरओ की स्थापना की बात, चाहे राज्य में टैरिटोरियल आर्मी की दो बटालियनें स्थापित करने का विषय हो या फिर गोरखा रेजीमेंट का भर्ती सेंटर खोलने की बात हो, मुझे उत्तराखण्ड राज्य से जुड़े हर मामले पर उनका सहयोग मिलता रहा। इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में उनका इस प्रकार काल कवलित होना मेरे लिए व्यक्तिगत तथा अपूर्णीय क्षति है। वह हमेशा ही उत्तराखंड की चिंता में लीन रहा करते थे। राज्य में स्थापित होने जा रहे सैन्यधाम के लिए हर संभव सहयोग तथा संसाधन देने के लिए वह बढ़-चढ़ कर सहयोग करते रहे।
हंस फाउंडेशन की संस्थापक माताश्री मंगला ने कहा कि सीडीएस रावत का इस तरह हमसे छिन जाना अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण है। इस महान हस्ती का जाना राष्ट्र की एक ऐसी क्षति है, जिसकी पूर्ति करना असंभव है। उन्होंने कहा कि अमर शहीदों की याद में बनाया जा रहे सैन्यधाम के मुख्य द्वार को स्वर्गीय जनरल विपिन रावत के नाम पर बनाया जाएगा। सैन्यघाम के इस भव्य प्रवेश द्वार के निर्माण में हंस फाउण्डेशन पूर्ण सहयोग करेगा।
इस सभा में हंस फाउंडेशन से मंगला माता, लेफ्टिनेंट जनरल शक्ति गुरुंग, मेजर जनरल केडी सिंह, मेजर जनरल शम्मी सभरवाल, बिग्रेडियर केजी बहल, बिग्रेडियर पीपीएस पाहवा, कर्नल दिलीप पटनायक, कर्नल रघुवीर सिंह भण्डारी, भाजपा मण्डल अध्यक्ष पूनम नौटियाल, राजीव गुरूंग, जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुण्डीर, आरएस परिहार, पार्षद भूपेन्द्र कठैत, संजय नौटियाल, कमल थापा सहित सैकड़ों पूर्व सैनिक एवं पार्टी कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
भाजपा मुख्यालय में विमान दुर्घटना में सीडीएस बिपिन रावत सहित अन्य लोगो की दुःखद मृत्यु होने पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुबह भाजपा मुख्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी। इस श्रद्धांजलि सभा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
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आज पूरे देश के साथ उत्तराखंड भी बहुत दुखी है। उत्तराखंड ने अपना बहादुर जनरल खोया है। जिन्होंने देश विदेश में सेना, सुरक्षा शांति बनाये रखने की अपनी 40 वर्ष से अधिक शानदार सेवायें दी हैं। सीडीएस जनरल बिपिन रावत, का मामकोट यानी ननिहाल थाती गांव था, और वे 19 नवम्बर को थाती गांव अपने भाई को मिलने आये थे, बिपिन रावत, लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत, श्रीमती सुशीला देवी के घर ग्राम सैण, द्वारीखाल पौड़ी गढ़वाल में पैदा हुए। उनकी माता सुशीला देवी का मायका परमार लोगों के यहाँ धनारी पट्टी में था। सुशीला देवी के पिता का नाम सूरत सिंह परमार था सूरत सिंह के छोटे भाई ठाकुर किशन सिंह तत्कालीन उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेताओं में से एक थे। वह संविधान सभा के सदस्य रहे।
ठाकुर किशन सिंह टिहरी प्रजामंडल सरकार में शिक्षा मंत्री रहे।उसके बाद स्वतंत्र भारत में मनोनीत सांसद रहे। उन्होंने 1962, 1967, 1969 में उत्तरकाशी विधानसभा क्षेत्र से विधायक का प्रतिनिधित्व किया।
और वे 1969- 70 में उत्तर प्रदेश सरकार में वन राज्य मंत्री भी रहे। ठाकुर साहब ने भारत सरकार से उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना करवाई। वह देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे।सुशीला देवी की पढ़ाई किशन सिंह जी के देख रेख में देहरादून में हुई।
जनरल बिपिन रावत हर्षिल, नेलांग में भी रहे। बतौर आर्मी चीफ वह दो बार दो रात्री को हर्षिल में रहे। उन्होंने नेलांग और हर्षिल के अपने पुराने दिनों को याद किया था। 18 नवम्बर 19 को हर्षिल से अपने मामकोट आये थे। वहाँ वह अपने भाई भाभी सहित बच्चों, गाँव वासियों को मिले थे। उन्होंने वह घर भी देखा जहाँ वह बचपन में अपनी माँ के साथ आया करते थे रहा करते थे। उनकी मां एमकेपी कालेज में पढ़ाती थी। जब छुट्टियां होती थी , तब वह धनारी पट्टी में जाती थी।
जनरल विपिन रावत के नाना ठाकुर किशन सिंह की न्यू रोड देहरादून में कोठी थी वहां भी जनरल बिपिन रावत काफी समय तक रहे। उस कोठी में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बैडमिंटन खेलने आया करते थे।
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भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य पर हुए हमले के बाद उत्तराखंड की सियासत गर्मा गई है। देहरादून पहुंचे पूर्व विधायक संजीव आर्य ने एकबार फिर से सरकार पर हमला बोला है। संजीव आर्य का आरोप है कि उनके साथ ही उनके पिता यशपाल आर्य पर भी लाठी डंडों और हथियारों के साथ हमला किया गया था। वहीं जब इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई तो उल्टा उनके ऊपर क्रॉस एफआईआर दर्ज की गई। जबकि हमला करने वाला जो मुख्य आरोपी है उसके ऊपर खुद जिला प्रशासन ने गुंडा एक्ट लगाने का पत्र जारी किया है। इतना होने के बाद भी कार्यवाही नही की जा रही है, जो स्पष्ट करती है कि सरकार की शह पर ही उनके ऊपर जानलेवा हमला किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही सख़्त कार्रवाई करे और हमला करने वाले आरोपियो की अरेस्टिंग की जाए।
वहीं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने प्रेस वार्ता कर यशपाल आर्य व उनके पुत्र संजीव आर्य पर हुए हमले को निंदनीय बताया उन्होंने कहा कि राजनीति में इस तरह की घटना निंदनीय है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा उन पर व मुख्यमंत्री पर इस हमले का आरोप लगाया गया वो बिल्कुल गलत है। यह हमला कांग्रेस के अपने नेताओं की आपसी कलह व टिकट के वर्चस्व की लड़ाई के चलते हुआ है।
CDS बिपिन रावत के निधन पर मुख्यमंत्री समेत अन्य बड़े नेताओं ने किया शोक व्यक्त
मुख्यमंत्री आवास में बुधवार को विधानमण्डल दल की बैठक के अवसर पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकाप्टर दुर्घटना में हुए आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि आर्पित की गई।
इस अवसर जनरल रावत का भावपूर्ण स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनरल रावत का निधन देश व उत्तराखण्ड के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका आकस्मिक निधन स्वयं उनके लिए भी व्यक्तिगत क्षति है। उन्होंने कहा कि वे सर्वोच्च सेना अधिकारी होने के साथ ही सादगी व सरलता की भी प्रतिभूति थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड से भी जनरल रावत का विशेष लगाव था। राज्य के विकास की उनकी सोच थी। अभी हाल ही में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी पत्नी के साथ वे देहरादून आये थे, उनका आकस्मिक निधन उत्तराखण्ड के लिए बड़ा ही दुःखद है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, डॉ हरक सिंह रावत, श्री बंशीधर भगत, श्री सुबोध उनियाल, श्री बिशन सिंह चुफाल, स्वामी यतीश्वरानन्द, विधायक श्री हरवंश कपूर, श्री हरभजन सिंह चीमा सहित अन्य विधायकगणों ने भी श्री जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सीडीएस बिपिन रावत के निधन पर सीएम धामी ने राज्य में तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। सीएम धामी ने ट्वीट करते हुए कहा कि देश के चीफ़ ऑफ डिफ़ेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत जी के निधन से पूरे भारतवर्ष में शोक की लहर है। उत्तराखण्ड सरकार ने पुण्य आत्माओं को श्रद्धांजलि देते हुए प्रदेश में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
CDS बिपिन रावत की आसामयिक मृत्यु पर भावुक हुए सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी।
चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी तथा 11 अन्य सैन्य अधिकारियों की दुर्भाग्यपूर्ण तथा असामायिक मृत्यु पर उत्तराखण्ड राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ‘‘मुझे तो अभी भी बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा कि मेरे अनन्य मित्र विपिन रावत नहीं रहे। उनके साथ मेरे व्यक्तिगत व घरेलू सम्बंध रहे, वह मेरे अनन्य मित्र तथा सखा रहे। पूर्व सैनिकों व सैनिकों से जुड़े हुए प्रत्येक उत्तराखण्ड़ी भाईयों व उनके परिजनों से जुड़े हुए प्रत्येक मामले पर वह बढ़-चढ़ कर हमेशा मुझे सहयोग करते रहे। इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में उनका इस प्रकार कालकवलित होना मेरे लिए व्यक्तिगत तथा अपूर्णीय क्षति है।’’
कर्नल कोठियाल: सीडीएस विपिन रावत मेरे लिए मेंटोर थे, देश ने नायब हीरा खो दिया
सीडीएस बिपिन रावत समेत दुर्घटना में मारे गए सभी लोगों की दुःखद मौत पर कर्नल कोठियाल ने संवेदना प्रकट करते हुए कहा, देश ने आज एक बहादुर और नायब हीरा खो दिया। उन्होंने इस दुख की घड़ी में शोक व्यक्त करते हुए कहा, सभी शहीद परिजनों को भगवान इस दुख की घड़ी में इस दुख को सहन करने की शक्ति दे। उन्होंने भावुक होते हुए कहा,बिपिन रावत जी हम सबके साथ ही पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत थे। उनके साथ मेरा और मेरे परिवार का पारिवारिक रिश्ता था। वो हमेशा से मेरे मेंटोर रहे और रहेंगे। मैने उनसे बहुत कुछ सीखा। मेरा सौभाग्य रहा की उनके साथ मुझे काम करने का मौका मिला।उन्होंने बताया बिपिन रावत जी के पिताजी ने गोरखा रेजिमेंट में सिपाही के पद से लेकर लेफ्टिनेंट जनरल के पदों में रहकर देश सेवा की जिससे प्रेरणा लेकर विपिन रावत भी सेना के सर्वोच्च पद पर रहने के बाद सीडीएस जैसे अहम पद पर पहुंचे । कर्नल कोठियाल ने कहा,उन्होंने फौज में रहते हुए जो भी मिशन लिए उनको बखूबी अंजाम दिया और उनकी कार्यशैली के सभी मुरीद थे।
शोक संवेदना के पश्चात सदनपूरे दिन के लिए स्थगित रहेगा।
देहरादून: गुरुवार यानी आज से आहूत होने वाले शीतकालीन सत्र को लेकर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में दलीय नेताओं एवं कार्य मंत्रणा की बैठक आहूत की गई। कल कार्य मंत्रणा की बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के प्रस्ताव पर सीडीएस विपिन रावत के विमान दुर्घटना में निधन होने पर आज सदन के भीतर शोक संवेदना व्यक्त की जाएगी तत्पश्चात सदन पूरे दिन के लिए स्थगित रहेगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि कार्य मंत्रणा बैठक में तय किया गया कि 9 दिसंबर यानी आज सदन के भीतर हेलिकॉप्टर क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की जाएगी। तत्पश्चात सदन पूरे दिन के लिए स्थगित रहेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सदन की गैलरी में सभी माननीय सदस्यों द्वारा स्वर्गीय विपिन रावत के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी जाएगी। आगे की सदन की कार्रवाई के लिए 10 दिसंबर को पुनः कार्य मंत्रणा की बैठक आहूत की जाएगी। श्री अग्रवाल ने बताया कि 11 दिसंबर को भी सदन संचालित किया जाएगा साथ ही सदन में आजादी के अमृत महोत्सव पर भी चर्चा होगी।
दलीय नेताओं की बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने पक्ष एवं विपक्ष से सदन को शांतिपूर्वक एवं सुचारु रुप से संचालित किए जाने के लिए सहयोग की अपेक्षा की। वहीं विपक्ष ने कहा कि सदन में यदि जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाती है तो विपक्ष पूर्ण रुप से सहयोग प्रदान करेगा। सत्ता पक्ष द्वारा सत्र के दौरान सदन के भीतर जनहित के मुद्दों पर पूर्ण रूप से चर्चा करने का आश्वासन दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह इस सरकार का अंतिम सत्र है, पूर्व की भांति सुचारु रुप से चलें सत्रों की तरह इस बार भी पक्ष एवं विपक्ष से पूर्ण सहयोग की अपेक्षा करते हैं।
इस अवसर पर विधानसभा के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, गोविंद सिंह कुंजवाल, करण माहरा, विधायी के प्रमुख सचिव एवं विधानसभा के प्रभारी सचिव मौजूद थे।
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तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार यानी कल सुबह वायुसेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। जिसमें देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई है। इंडियन एयरफोर्स ने ट्वीट कर इस बात की आधिकारिक पुष्टि की है। ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं और गंभीर हालत में जिंदगी और मौत से लड़ाई लड़ रहे हैं। इस दुःखद घटना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
बता दें कि एक स्पेशल एयरक्राफ्ट के ज़रिए बुधवार सुबह करीब 9 बजे जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत नौ लोग दिल्ली से रवाना हुए थे और करीब 11 बजकर 35 मिनट पर एयरफोर्स स्टेशन सुलूर पहुंचे, उसके बाद उन्होंने वेलिंगटन आर्मी कैंप के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों के चलते वेलिंगटन आर्मी कैंप से करीब 16 किलोमीटर पहले ही ये हादसा हो गया।
हादसे के वक्त वायुसेना के एमआई-17वी-5 हेलिकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे. इनमें CDS जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, एनके गुरसेवक सिंह, एनके जितेंद्र कुमार, जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए, जेडब्ल्यूओ दास, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, एल/नायक विवेक कुमार, एल/नायक बी साई तेजा, ग्रुप कैप्टन वरुन सिंह और हवलदार सतपाल शामिल थे। हादसे में केवल ग्रुप कैप्टन वरुन सिंह ही जीवित बचे हैं। उनका इलाज किया जा रहा है।
हादसे में जनरल रावत समेत 13 लोगों के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने गहरा शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया,”तमिलनाडु में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश से मैं बेहद दुखी हूं, जिसमें हमने जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सेना के अन्य लोगों को खो दिया। इन्होंने भारत की कड़ी मेहनत के साथ सेवा की। मेरी संवेदनाएं जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के साथ हैं।”
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प्रदेश सरकार भले ही विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन इनकी हकीकत बयां कर रही हैं सीमान्त जनपद उत्तरकाशी के स्युना गांव की वो तस्वीरें, जिनमें अपने गांव की वर्षों की बेबसी देख छोटे-छोटे बच्चे भी अपने नन्हें हाथों में पत्थर और लकड़ी लेकर गांव के बड़ों के साथ भागीरथी नदी पर जलस्तर कम होते ही वैकल्पिक लकड़ी और पत्थर की पुलिया तैयार करने में जुटे हुए हैं। तो वहीं ग्रामीणों का कहना है कि यह नियति का सिलसिला वर्षो से शुरू है। लेकिन उसके बाद भी शासन प्रशासन कार्यवाही नहीं कर रहा। तो नीति नियंता चुनाव के बाद उन्हें भूल जाते हैं वीओ-1, जनपद मुख्यालय से करीब 2 से 3 किमी दूरी पर स्थित स्युना गांव के ग्रामीण इस वर्ष भी भागीरथी नदी का जलस्तर कम होते ही अपनी आवाजाही की सुगम करने के लिए वैकल्पिक पुलिया तैयार की है। जब बड़े इस वैकल्पिक पुलिया तैयार कर रहे थे। उस समय जब ग्रामीण बच्चों से भी अपने गांव की बेबसी नहीं देखी गई और वह भी बड़ो की मदद करने में जुट गए और अपने नन्हें-मुन्हे हाथों में छोटे-छोटे पत्थर और रेत भरकर वैकल्पिक पुलिया तैयार करने में जुट गए।
वीओ-2, स्युना गांव के ग्रामीणों का कहना है कि उनकी गांव के लिए गंगोरी से पुल निर्माण की मांग है। उस पर जिला प्रशासन ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रॉली का वादा किया। लेकिन वहां पर हस्तचलित ट्रॉली दी गई। जिसकी लोहे की रस्सी खींचने के कारण कई ग्रामीणों के हाथ कट गए। तो वहीं ट्रॉली पर बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं अकेले भी नहीं जा सकते। ग्रामीणों का कहना है कि हर वर्ष वैकल्पिक पुलिया बनाने का सिलसिला जारी रहता है। कुछ दिन खबरें बनने के बाद फिर ग्रामीणों की उम्मीद हर वर्ष धूमिल हो जाती है।
ऋषिकेश: नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने आधार कार्ड केन्द्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने केन्द्र में पहुंचे लोगों से आवश्यक फीडबैक भी लिया। बुधवार की दोपहर नगर निगम महापौर ने निगम के स्वर्ण जंयती सभागार में संचालित किए जा रहे आधार कार्ड केन्द्र का निरीक्षण कर तमाम आवश्यक जानकारियां जुटाई। मेयर ने कहा कि शहर में सार्वजनिक स्थानों पर खुले आधार केंद्र बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही थी। जिसको देखते हुए निगम सभागार में तीन माह पूर्व आधार केंद्र खोला गया था। इससे पहले लोगों को अपने आधार कार्ड में हुई त्रुटि को ठीक करने के लिए तहसील और डाकघर में लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता था ।
महापौर ने बताया कि उनकी चुनावी घोषणा पत्र में सरकारी योजनाओं का लाभ निगम से दिए जाने की घोषणा की गई थी जिसको देखते हुए विगत 3 सितंबर को नगर निगम के स्वर्ण जयंती सभागार में आधार कार्ड केंद्र का शुभारंभ कराया गया था। इन तीन माह में हजारों लोगों की आधार कार्ड में हुई त्रुटियों को केन्द्र में सही किया गया है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों लोगों का हुजूम आधार कार्ड बनवाने व त्रुटियों को दूर करने के लिए केंद्र में उमड़ रहा है उसे देखते हुए जल्द ही ग्रामीण क्षेत्र में भी एक आधार केन्द्र खुलवाया जाएगा।