Uttarakhand Devbhoomi Desk: बीते 31 मई को पिथौरागढ़ के कई इलाकों में भारी बारिश के चलते भूस्खलन की खबरें आई थी। ऐसे में कैलाश यात्रा (PITHAURAGARH LANDSLIDE) पर निकले हुए 40 यात्रियों का एक दल गर्भधार के पास हुए भूस्खलन के कारण फंस गए थे। इसकी सूचना मिलने के बाद एसडीआरएफ की टीम व सार्जेंट नवीन कुमार तत्काल बचाव उपकरण लेकर घटनास्थल पर पहुंचे।
एसडीआरएफ टीम के सदस्यों ने तेजी से कार्रवाई की और घटनास्थल पर (PITHAURAGARH LANDSLIDE) पहुंचते ही देखा कि पहाड़ से पत्थर गिर रहे हैं। जिसके कारण मार्ग पर बहुत सारा मलबा था और इसे साफ करने में समय लग रहा था। ऐसे में मौसम फिर से बदलने से पहले एसडीआरएफ की टीम ने नदी किनारे बायपास से फंसे 40 यात्रियों को रस्सियों की मदद से सुरक्षित निकाल कर केएमवीएन गेस्ट हाउस धारचूला पहुंचा दिया।
यात्रियों में कुछ बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल थीं। विषम परिस्थितियों में टीम द्वारा उन्हें सावधानीपूर्वक और सकुशल सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। सभी यात्रियों द्वारा कठिन परिस्थितियों में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस का ह्रदय से (PITHAURAGARH LANDSLIDE) धन्यवाद दिया गया।
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PITHAURAGARH LANDSLIDE: प्रसाशन का क्या कहना है?
पिथौरागढ़ की डीएम रीना जोशी ने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवानों को प्रभावित सड़क के दोनों ओर तैनात किया गया है और वो पुराने पुल पर फंसे कई लोगों की मदद करने के लिए तत्पर हैं। इस दौरान मलबा हटाने के कार्य में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि यातायात बहाल होने में 24 घंटे का समय और लग सकता है। ऐसे में यहां फंसे लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। इसलिए उन तक जरूरी राहत सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
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