Uttarakhand Devbhoomi Desk: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां (CORBETT NEWS) पिछले पांच महीनों में पांच बाघों की मौत हो चुकी है। वहीं, शिकारियों द्वारा बिछाए गए जाल में एक बाघिन फंस गई और गंभीर रूप से घायल हो गई। बाघिन की चोट ने वन्यजीव प्रेमियों और अधिकारियों का ध्यान खींचा है। एनटीसीए के मुताबिक, उत्तराखंड में इस साल अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
पखरो रेंज में एक बाघिन की संदेहास्पद मौत के कुछ दिनों बाद बाघ के अवैध शिकार का एक और मामला सामने आने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। कॉर्बेट के बीचोबीच शिकारियों द्वारा बिछाए गए जाल में फंसकर एक बाघिन गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल बाघिन की उम्र 7 से 8 साल बताई जा रही है, जिसका फिलहाल गंभीर हालत में डीरा रेस्क्यू सेंटर में इलाज चल रहा है। बाघिन में फंसे तारों को निकालने के लिए सर्जरी करनी होगी, लेकिन अकादमी प्रशासन की ओर से अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
CORBETT NEWS: कॉर्बेट प्रसाशन का क्या कहना है?
मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्य वन संरक्षण अधिकारी अनूप मलिक ने (CORBETT NEWS) मामले की जांच स्वतंत्र निकाय से कराने का निर्देश दिया है। बाटा देव में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को हर साल बाघ संरक्षण के लिए सबसे अधिक राशि मिलती है। कॉर्बेट को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण सेवा से 10 लाख रुपये से 15 लाख रुपये के बीच मिले। कॉर्बेट फाउंडेशन के माध्यम से सालाना 4 से 8 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त होती है। फिर भी अगर कॉर्बेट सुरक्षित नहीं है, तो वह पार्क प्रशासन का दोष होगा।
कॉर्बेट के निदेशक धीरज पांडेय ने कहा कि बाघिन के फंसने की घटना कुछ समय पहले हुई है। उसे रेस्क्यू कर इलाज किया जा रहा है। यह बाघिन कुछ दिन पहले कैमरे (CORBETT NEWS) में कैद हुई थी। बाघिन के शरीर में बिजली का पुराना तार बुरी तरह फंसा होने के कारण डॉक्टर उसके ऑपरेशन का इंतजार कर रहे हैं। अब तक हुई अन्य बाघों की मौतों में से अधिकांश प्राकृतिक कारण रही हैं।
For latest news of Uttarakhand subscribe devbhominews.com