भारत अन्य देशों की तरह क्यों नही बना पाता ऊंची इमारतें ?

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INDIA DOES NOT BUILD LARGE BUILDINGS

देहरादून ( मनीषा रावत) :  आपने कई देशों में देखा होगा कि वहां इतनी लंबी लंबी इमारते हैं कि इन्हें देख कर किसी का भी सिर चकरा जाए। चाहे दुबई का बुर्ज खलीफा हो, चाइना हो या फिर अमेरिका हो। हर जगह आसमान को छूती हुई ऊंची ऊंची इमारतें नजर आती हैं लेकिन क्या आपने भारत में ऐसी बड़ी बड़ी इमारते देखी हैं जो आसमान को छूती हैं। भारत में ऐसी इमारतें गिनी चुनी ही हैं और वो भी मुंबई और दिल्ली जैसी Metropolitan cities में ही। अब ऐसा क्यों है, क्या भारत ऐसी बड़ी बड़ी इमारतें नही बना सकता या फिर भारत के पास ऐसे Hi-Tech Engineers नही हैं जो आसमान छूने वाली इमारते बना सकें। इन सबके बारे में आज हम आपको बताएंगें कि आखिरकार क्यों भारत बड़ी बड़ी इमारतें नही बनाता है।

दरअसल दुबई और अमेरिका जैसे देशों में vertical Expansion या फिर कह सकते हैं कि Vertical development किया जाता है, वहीं भारत में Horizontal Development किया जाता है। अब क्यों भारत में और देशों की तरह vertical Development नहीं किया जाता इसके पीछे दो वजह हैं। पहली वजह है FSI यानी की Floor Space Index। अब ये Floor Space Index क्या होता है इसे समझ लेते हैं। असल में हर एक शहर के लिए Floor Space Index तय किया जाता है। जिस शहर में जितना ज्यादा Floor Space Index होगा उस शहर में उतनी ऊंची इमारते बनाई जा सकती हैं। आपको बता दें कि भारत में Floor Space Index Value 1 से 5 तक ही होती है। अगर मुंबई की बात की जाए तो यहां कई इलाकों की FSI Value 4 से 5 के बीच में हैं, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है, इसलिए आपको यहां बड़ी बड़ी इमारते देखने को मिलती हैं।

INDIA DOES NOT BUILD LARGE BUILDINGS

अब बात करते हैं horizontal Development के पीछे के दूसरे कारण की। दरअसल भारत इसलिए horizontal Development करता है ताकी एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ा जा सके और वो तभी हो पाएगा जब horizontal Development होगा। यानी कि अगर भारत में भी अन्य देशों की तरह ही Vertical development होना शुरू हो जाएगा तो बिल्डर्स शहर के Outer area में Construction नही करेगें और शहर के अंदर ही अंदर ऊंची ऊंची बिल्डिंग्स बनाकर बेचना शुरू करेंगे। और अगर Outer Skirts में Buildings नहीं बनेंगी तो न तो दूसरे शहरों से Connectivity हो पाएगी और ना ही इन outer area में development हो पाएगा, Roads बनेंगी, बिजली आएगी। यानी की कुल मिलाकर भारत में अभी इतनी जगह है कि यहां horizontal Development हो, outer area में ज्यादा से ज्यादा Construction हो जिससे की outer area में भी development हो और सरकार भी tax के रूप में Funds बढ़ा सके और देश का विकास कर सके।

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वहीं अगर बात करें दूसरे देशों की तो वो देश पहले से ही विकसित हैं और कम जगह होने के चलते भी वहां horizontal Development होने के बजाय vertical Development किया जाता है।

तो कुल मिलाकर भारत अभी विकासशील देश की श्रेणी में आता है। इसलिए पूरी तरीके से विकास होने तक इसे ऐसे ही horizontal Development करते हुए ही आगे बढ़ते चले जाना जरूरी है।