6.2 तीव्रता का भूकंप भी नहीं हिला पाया इस पत्थर को, रहस्य का विषय  

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Balancing Rock India: इस पत्थर के आसपास मची थी भारी तबाही लेकिन ये पत्थर तस से मस तक न हुआ

Balancing Rock India: भारत में एक ऐसा विशाल पत्थर मौजूद है जो एक ही जगह पर कई सालों से टिका हुआ है। इस जगह पर कई भूकंप आए जिसने इसके आसपास के इलाकों में तबाही मचा दी, लोगों की जान ले ली लेकिन ये पत्थर अपनी जगह से 1 सेंटीमीटर भी न खिसका। ऐसा क्या है इस पत्थर में जो ये अपनी जगह से आजतक नहीं हिला।

ये पत्थर बैलेंसिंग रॉक (Balancing Rock India) के नाम से प्रसिद्ध है जो एमपी के जबलपुर के पास संस्कारधानी में स्थित है। इस पत्थर ने कई बड़े बड़े भूकंप झेले लेकिन ये अपनी जगह से टस से मस तक नहीं हुआ। इस पत्थर के इसी अनोखेपन को देखने के लिए लोग यहां दूर दूर से आते हैं।

इस बैलेंसिंग रॉक (Balancing Rock India) के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए कई विशेषज्ञों द्वारा इस पर शोध किया गया लेकिन किसी के भी हाथ कुछ ऐसा नहीं लगा जिससे ये साफ हो सके कि ये पत्थर कैसे इतने सालों से एक ही जगह पर टिका हुआ है। वैसे इन विशेषज्ञों द्वारा कहा जाता है कि ये पत्थर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण इतने सालों से यहां टिका हुआ है।

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आपको बता दें कि 1997 में जबलपुर में 6.2 तीव्रता का भूकंप आया था ये भूकंप 22 मई को आया था और इस भूकंप ने जबलपुर में काफी तबाही मचाई थी। इस भूकंप से इलाके की कई इमारतें एक झटके में गिर गईं और इसमें 40 लोगों की जान चली गई, लेकिन इस तबाही के दौरान ये पत्थर अपनी जगह से खिसका तक नहीं, इसी कारण इस पत्थर का नाम बैलेंसिंग रॉक (Balancing Rock India) पड़ा।

ये बैलेंसिंग रॉक (Balancing Rock India) ग्रेनाइट चट्टानों से घिरी एक पहाड़ी पर स्थित है जिसका नाम है मदन महल की पहाड़ियां। इन्हीं पहाड़ियों पर स्थित है रानी दुर्गावती का किला जिस पर ये बैलेंसिंग रॉक (Balancing Rock India) कई वर्षों से टिका हुआ है। इस बैलेंसिंग रॉक को देखने के लिए दूर दूर से लोग यहां आते हैं।

आपको बता दें कि ये बैलेंस रॉक एशिया की 3 बैलेंस रॉक में से एक है और ये तीनों पत्थर भारत में ही स्थित हैं। अगर आप इस बैलेंसिंग रॉक (Balancing Rock India) को देखंगे तो आपको लगेगा कि ये पत्थर कभी भी गिर सकता है, जिनको इस पत्थर के बारे में नहीं मालूम वो इसके पास से जाने में डरते हैं।  

जहां कुछ विशेषज्ञ इस बैलेंसिंग रॉक (Balancing Rock India) के पीछे का कारण गुरुत्वाकर्षण बल बताते हैं वहीं पुरातत्व विभाग का कहना है कि ये चट्टान मैग्मा के जमने के कारण बनी होंगी। विज्ञान के संदर्भ में बात करें तो मैग्मा को ग्रेनाइट बॉक्स भी कहा जाता है, लेकिन अभी भी इस बैलेंसिंग रॉक (Balancing Rock India) के पीछे के रहस्य पर से कोई भी पर्दा नहीं उठा पाया है।

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