UTTARAKHAND DEVBHOOMI DESK:कैबिनेट से WOMEN RESERVATION BILL को मंजूरी मिल गई है। बिल को मंजूरी मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। बिल के अनुसार अब उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों में से 23 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। बीजेपी ने इसे महिलाओं के राजनीतिक रूप से सशक्तीकारण का बेहतरीन कदम बताया है।
उत्तराखंड में बीजेपी की प्रदेश प्रवक्ता हनी पाठक ने केंद्रीय कैबिनेट में WOMEN RESERVATION BILL को ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा से नारी शक्ति का सम्मान किया है। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलने के फैसले के बाद पूरी तस्वीर बदलने वाली है। उत्तराखंड में भी 70 में से 23 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी।
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल ने कहा, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के विधेयक को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह है। उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा, WOMEN RESERVATION BILL से महिलाएं राजनीतिक तौर पर मजबूत होंगी। अब महिलाओं के लोकसभा और विधानसभा पहुंचना आसान होगा। अब सर्वोच्च सदन में महिलाओं से संबंधित मुद्दे और भी मजबूती के साथ गूंजेंगे।
क्या है WOMEN RESERVATION BILL?
देश की संसद और विधानसभाओं में महिला आरक्षण के लिए पेश बिल का नाम ‘128वां संविधान संशोधन विधेयक 2023’ है, जिसे केंद्र सरकार ने ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ नाम दिया है। WOMEN RESERVATION BILL के अनुसार लोकसभा, सभी राज्यों की विधानसभा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होगीं। यानी लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इन सीटों पर सिर्फ महिला उम्मीदवार ही चुनाव लड़ सकेंगी।
बिल के अनुसार आरक्षण लागू होने से पहले परिसीमन होगा। बिल के कानून बनने के बाद जो पहली जनगणना होगी, उसके आधार पर परिसीमन होगा। फिर सीटें आरक्षित की जाएंगी।
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