दिल्ली. ब्यूरो : कल 30 मई यानी सोमवार को देशभर की महिलाएं वट सावित्री व्रत रखेंगी। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत की अपनी खास मान्यता है। हिंदू धर्म की महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री का व्रत रखती हैं।और इस साल वट सावित्री का व्रत 30 मई को पड़ रहा है। इस साल वट सावित्री व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इसलिए इस साल वट सावित्री व्रत के दिन का महत्व और बढ़ भी रहा है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य पूरे होते हैं।
दरसअल अमावस्या तिथि 29 मई 2022 को रात 2 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी, जो कि 30 मई 2022 को शाम 4 बजकर 59 मिनट पर खत्म होगी। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल 30 मई को वट सावित्री व्रत का संयोग बन रहा है। कल सुबह 7 : 13 से अगले दिन 31 मई को सुबह 5 बजकर 9 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। आपको बता दें कि इस साल वट सावित्रि व्रत के दिन शनि जयंती भी है।
वट सावित्री व्रत की पूजा विधि-
वट सावित्री व्रत की पूजन सामग्री में सावित्री-सत्यवान की मूर्तियां, धूप, दीप, घी, बांस का पंखा, लाल कलावा, सुहाग का समान, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, जल से भरा कलश शामिल करना चाहिए। आपको बता दें कि वट सावित्री व्रत तीज और करवाचौथ के व्रत की तरह ही होता है। वट सावित्री व्रत रखने के दो तरीके हैं। इसका पहला तरीका यह है कि आप इसे फल लेकर भी उठा सकती हैं , यानी अगर आपने वट सावित्रि व्रत रखा है तो आप पूजा के बाद फल का सेवन कर सकती हैं। अगर इसके दूसरे तरीके की बात की जाए तो दूसरा तरीका ये है कि आप वट वृक्ष पर चढ़ाई जाने वाली सभी चीजों का सेवन पूजा के बाद कर सकती हैं। यानी आप अपने वट सावित्री व्रत में अन्न का सेवन कर सकती हैं। हालांकि आपको इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि आप पूजा के बाद जिस अन्न का सेवन कर रही हैं वो सात्विक हो। आपको बता दें कि आप वट सावित्रि व्रत में प्याज, लहसुन जैसी चिजे नहीं खा सकती हैं।