/ Sep 15, 2025
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UTTARAKHAND STF: साइबर क्राइम पुलिस टीम ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। टीम ने 98 लाख रुपये की ठगी करने वाले मास्टरमाइंड मृदुल सूर को कोलकाता से गिरफ्तार किया है। अभियुक्त ने फेसबुक और व्हाट्सऐप पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर और कई अंतरराष्ट्रीय व स्थानीय मोबाइल नंबरों का उपयोग कर पीड़ित का विश्वास जीता। शुरू में छोटे-छोटे रिटर्न देकर निवेश के लिए प्रोत्साहित किया और स्वयं को वित्तीय सलाहकार तथा एक कंपनी IFDCINVESTOR का प्रतिनिधि बताकर निवेश का लालच दिया। बाद में धमकी, ब्लैकमेल और भय दिखाकर शिकायतकर्ता से करोड़ों रुपये की ठगी की।
जांच में सामने आया कि अभियुक्त ने जुलाई 2020 से अगस्त 2024 तक देहरादून निवासी शिकायतकर्ता से निवेश के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में लगभग 98 लाख रुपये जमा कराए। आरोपियों ने शुरूआती रकम लौटाकर भरोसा जीत लिया, लेकिन बाद में न तो रकम लौटाई और न कोई लाभांश दिया। उल्टा पीड़ित को धमकाकर कहा गया कि पैसा अवैध गतिविधियों जैसे डेटिंग ऐप्स, चुनावी फंडिंग और शेयर बाजार में लगाया गया है और रिपोर्ट करने पर परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई।
अभियुक्त को धारा 41 CrPC का नोटिस देने के बावजूद वह जांच से लगातार बचता रहा। इसके चलते माननीय न्यायालय से गैर-जमानती वारंट जारी किया गया और उसे कोलकाता के ईडन पार्क स्थित फ्लैट से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त मृदुल सूर पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले का निवासी है। प्रारंभिक पूछताछ में उसने ठगी की रकम अपनी पत्नी के बैंक खाते में जमा कराने, एटीएम और ऑनलाइन ट्रांसफर से पैसे निकालने और अन्य खातों में ट्रांसफर करने की बात स्वीकार की।
इस पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड दीपम सेठ के मार्गदर्शन में किया गया। ADG लॉ एंड ऑर्डर/साइबर डॉ. वी. मुरुगेसन और IG लॉ एंड ऑर्डर/साइबर डॉ. नीलेश आनंद भरणे के दिशा-निर्देश पर मामले की निगरानी की गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि घटना में प्रयुक्त बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और व्हाट्सऐप डेटा की जानकारी मेटा कंपनी और बैंकों से मंगाई गई थी। इन सबूतों के आधार पर मृदुल सूर की पहचान और गिरफ्तारी संभव हो पाई।
अभियुक्त से 01 मोबाइल फोन, 04 चेकबुक, 03 पासबुक और 02 एटीएम कार्ड बरामद किए गए। इस कार्रवाई में अपर उप निरीक्षक सुनील भट्ट और कानि सोहन बडोनी शामिल रहे, जबकि तकनीकी सहयोग मनोज बेनीवाल और राजाराम गोदियाल ने प्रदान किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि डिजिटल अरेस्ट नामक स्कैम से सतर्क रहें। किसी भी एजेंसी द्वारा व्हाट्सऐप पर गिरफ्तारी का नोटिस नहीं भेजा जाता। यदि कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेज या धमकी देकर पैसे की मांग करता है तो तुरंत नजदीकी साइबर थाना या पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी फर्जी साइट, ऑनलाइन फ्रेंचाइजी, टिकट बुकिंग ऑफर या पैसे दोगुना करने वाले लालच में न आएं।
सरकार ने साइबर और ऑनलाइन धोखाधड़ी रोकने के लिए संचार साथी वेबसाइट पर चाक्षु पोर्टल लॉन्च किया है। शिकायतें दर्ज कराने के लिए 1930 साइबर हेल्पलाइन नंबर और www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर भी संपर्क किया जा सकता है।
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