Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड का जोशीमठ इन दिनों संकट में है। हालात दिन-प्रति इतने बिगड़ते जा रहे है जिसका असर (uttarakhand joshimath sinking) सैकड़ों परिवारों पर पड़ रहा है। अब यहां हो रहे भू धंसाव का असर औली के पर्यटन पर भी देखने को मिल रहा है। बता दें कि शीतकालीन पर्यटन का सीजन है, औली में बर्फ है, लेकिन पर्यटक नहीं। जिससे पर्यटन कारोबारियों पर रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया। इस समय में जिन कारोबारियों को खाने-पीने तक की फुरसत नहीं होती थी वह बिना काम के बैठे हुए हैं। आपको बता दें कि जोशीमठ-औली रोपवे को सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया गया है।
औली में इस समय पर्यटकों का हुजूम उमड़ (uttarakhand joshimath sinking) पड़ता है। होटल, ढाबे के कर्मचारी इस सीजन में खूब व्यस्त रहते हैं। कई बार तो पर्यटकों को कमरे मिलना ही मुश्किल हो जाता है। लेकिन जोशीमठ आपदा से कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
uttarakhand joshimath sinking: पहुंच रहे है गिने चुने पर्यटक ही पहुंच रहे
औली में पर्यटन कारोबारी दिपेश भंडारी, प्रदीप डिमरी, पवन कवाण का कहना है कि दिसंबर में (uttarakhand joshimath sinking) बर्फबारी न होने के कारण पर्यटक काफी कम पहुंचे। अब बर्फबारी हुई है लेकिन फिर भी गिने चुने पर्यटक ही यहां पहुंच रहे हैं। गढ़वाल मंडल विकास निगम औली के प्रबंधक नीरज उनियाल ने बताया कि पिछले साल दिसंबर के महीने में उनके गेस्ट हाउस में 1935 और जनवरी में 1300 पर्यटक पहुंचे थे लेकिन इस बार अभी तक 634 पर्यटक ही पहुंच पाए हैं।
र्यटन कारोबार से जुड़े अन्य लोगों का कहना है कि कई पर्यटक बुकिंग रद्द कर रहे है। उन्होने बताया कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब यहां बर्फ पड़ी है लेकिन बुकिंग रद्द हो रही हैं।
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