Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड पिथौरागढ़ के चार युवक शनिवार रात ऊधम सिंह नगर में बाघ (Tiger Death) की खाल और 15 किलो हड्डियों के साथ पकड़े गए। जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस, वन रक्षक और सभी टाइगर रिजर्व फोर्स सचेत हो गई। मामले की जांच सीमांत जिले पिथौरागढ़ से नेपाल व चीन में वन्यजीव अंगों की तस्करी की आशंका आ गई है।
पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं जब गुलदार की खाल और भालू की पित्त पिथौरागढ़ जिले से पकड़ी गई या फिर वहां के लोगों का नाम इसमें आया है। अक्टूबर 2018 में दिल्ली से पहुंची सीबीआइ टीम ने इन घटनाओं की जानकारी ली थी। मार्च 2021 में वन्यजीव अपराध को रोकने के लिए पिथौरागढ़ में ही कार्यशाला की गई थी। जिसमें वन विभाग, आइटीबीपी व एसएसबी के अधिकारी शामिल हुए थे।
पिथौरागढ़ की सीमा नेपाल से लगी हुई है और (Tiger Death) नेपाल से चीन का सफर शुरू होता है। अब सभी को शक हो रहा है कि अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव अंग तस्करों का रास्ता पिथौरागढ़ तो नहीं है। जड़ी बूटियों से लेकर वन्यजीवों के विभिन्न प्रकारों को लेकर उत्तराखंड की देश में अलग पहचान है।
Tiger Death: कौन है सबसे बड़ा तस्कर
2018 में की गई बाघ गणना में यह साबित हो चुका है कि राज्य के सभी 13 जिलों में बाघ (Tiger Death) की मौजूदगी है। वहीं, भालू का मूवमेंट भी हाल में बहुत जगहों पर मिला है। वन्यजीवों की इतनी संख्या के कारण यहां शिकारियों की सक्रियता भी वन विभाग के लिए हमेशा से चुनौती रही है।
22 जुलाई 2023 को धारचूला पिथौरागढ़ निवासी कृष्ण कुमार, गजेंद्र सिंह, संजय कुमार और हरीश कुमार को बाघ की 11 फीट लंबी खाल और 15 किलो हड्डी के साथ खटीमा से गिरफ्तार किया गया था। 23 जुलाई को वन्यजीव तस्कर नेहरू कालोनी देहरादून निवासी अर्जुन सिंह को भी एसटीएफ ने पकड़ लिया।
अर्जुन सिंह से पूछताछ के बाद हरिद्वार के तस्कर मांगी गुर्जर का नाम सामने आया। जिसके बाद कुमाऊं और देहरादून एसटीएफ ने वन विभाग के साथ नजीमाबाद क्षेत्र में डेरा डालते हुए उसकी तलाश शुरू कर दी थी। ताकि बाघ की खाल तस्करी (Tiger Death) वाले अन्य लोगों तक पहुंचा जा सके।
कल 25 जुलाई मंगलवार को मांगी गुर्जर को भी गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल एसटीएफ और वन विभाग की टीम उससे पूछताछ में जुटी हुई है। उम्मीद है जल्द ही और बड़े तस्करों का नाम सामने आएगा।
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