Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है, लोगों को सजा देने वाले जज (Suspended Judge) को खुद सजा भुगतनी पड़ी। चमोली के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (जज) धनंजय चतुर्वेदी निलंबित हो गए हैं, उन पर पद के अनुरूप आचरण न करने का आरोप लगा था।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चमोली के जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी को निलंबित कर जिला न्यायालय चंपावत से जोड़ दिया है। चतुर्वेदी पर उनके पद के खिलाफ आचरण करने का आरोप है। उन्हें 14 अप्रैल 2023 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उन पर गवाही के दौरान डायस पर मौजूद नहीं होने का आरोप (Suspended Judge) है।
Suspended Judge: क्यों हुए जज सस्पेन्ड
हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल अनुज कुमार संगल की ओर से जारी आदेश में कहा है कि धनंजय चतुर्वेदी के कोर्ट में अनुपस्थिति में गवाही हुई और गवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई। न्यायालय की वीडियो क्लिप रिकॉर्डिंग से स्पष्ट रूप से देखा गया। यह वीडियो रिकार्डिंग किसने की, क्यों की, इसका वह सही जवाब नहीं दे सके।
हाईकोर्ट को शिकायत के साथ वीडियो-क्लिपिंग भी भेजी गई थी, (Suspended Judge) जिसमें साक्ष्य रिकॉर्ड किया जा रहा था और-पीठासीन अधिकारी, अदालत में मौजूद नहीं थे। हाईकोर्ट ने धनंजय चतुर्वेदी के खिलाफ आरोपपत्र जारी करके उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन और अपील) नियम 2003 के नियम 7 के तहत उनके खिलाफ नियमित जांच शुरू की है।
धनंजय चतुर्वेदी जिला एवं सत्र न्यायाधीश, चंपावत के कार्यालय से जुड़े रहेंगे। उन्हें नियम के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
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