Uttarakhand Devbhoomi Desk: कुछ दिन पहले देहरादून में रिकार्ड रूम से ही रेजिस्ट्री बदलने का मामला सामने आया था। अब इस मामले की जांच के लिए रिटायर IAS सुरेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी (SIT) का गठन कर दिया गया है। एसआईटी में पुलिस की ओर से डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर पी रेणुका देवी और निबंधन की ओर से एआईजी स्टांप अतुल कुमार शर्मा को सदस्य बनाया गया है।
आपको बता दें कि पिछले दिनों जिलाधिकारी देहरादून को रजिस्ट्री कार्यालय में गड़बड़ी की सूचना मिली थी। इसी वजह से जनसुनवाई कार्यक्रम में पहुंची पूर्व आईएएस प्रेमलाल से संबंधित भूमि की शिकायत से मामला सामने आया। रानीपोखरी (SIT) क्षेत्र में इस 60 बीघा जमीन को फर्जीवाड़ा कर दूसरे लोगों के नाम किया गया था। इसमें पीलीभीत के दो लोगों के नाम सामने आए।
जब इस गड़बड़ी की खबर सामने आई तो पता चला कि भू-माफिया और अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से रजिस्ट्रार ऑफिस में रखी जिल्दों में से पुरानी रजिस्ट्री के कागज फाड़कर उनकी जगह पर फर्जी लगाए गए हैं। इस तरह भूमि को बेचने, दान करने वाले लोगों का ब्योरा बदला गया। पता चला कि यह सब 1978 से 1990 के बीच हुई रजिस्ट्रियों में किया गया है।
SIT: हर महत्वपूर्ण जांच में शामिल हैं ये दोनों अधिकारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रजिस्ट्री कार्यालय का निरीक्षण किया और इस मामले की जांच, मुकदमे की निगरानी के लिए एक एसआईटी गठित करने के आदेश दिए थे। इसीलिए वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने एसआईटी के गठन के आदेश जारी किए।
रिटायर IAS सुरेंद्र सिंह रावत इससे पहले भी कई महत्वपूर्ण जांचों (SIT) में शामिल रहे हैं। वहीं, डीआईजी पी रेणुका देवी इससे पहले अंकिता हत्याकांड जैसे कई मामलों में एसआईटी प्रभारी रहीं हैं। वह वर्तमान में पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ मुकदमे की जांच के लिए बनी एसआईटी की अध्यक्ष भी हैं।
इस एसआईटी (SIT) का कार्यकाल फिलहाल चार महीने रहेगा, जिसे समय-समय पर बढ़ाया जा सकता है। उम्मीद है यह एसआईटी जल्द ही दोषियों के नाम सबके सामने ले आएगी।
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