Uttarakhand Devbhoomi Desk: आँगनवाड़ी यानि “आँगन आश्रय” जो बच्चों के देखभाल केंद्र है। यहां 6 वर्ष से कम आयु के (tharali breaking news) बच्चों के शारिरिक, मानसिक और शैक्षणिक विकास की देखभाल की जाती है। साथ ही यहां सरल अक्षरों और शब्दों की पहचान भी कराई जाती है। लेकिन देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चे अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए कई मजबूरियों से गुजर रहें है।
जीता जगता उदाहरण थराली विकासखण्ड से है। बाल विकास विभाग द्वारा चलाये जा रहे इस मिशन पर मानो पलीता लगाने का काम थराली में किया जा रहा है। बता दें कि थराली विकासखण्ड के डुंगरी गांव के दरमोला तोक में नन्हे मुन्ने बच्चे आँगनवाड़ी में नहीं बल्कि खंडहर में पढ़ने को मजबूर हैं।
tharali breaking news: पिछले 5 सालों से लटका हुआ है आंगनबाड़ी का निर्माण कार्य
दरअसल पिछले लंबे समय से ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की मांग पर यहां आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण कार्य (tharali breaking news) किया जा था लेकिन अभी तक वह पूरा नहीं हो सका। भवन आधी अधूरी हालात में है। बताया जा रहा है कि पिछले 5 सालों से आंगनबाड़ी का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। हालात ये हैं कि आंगनबाड़ी सहायिका इस आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले बच्चो को गांव के बारातघर में पढ़ाने को मजबूर है और बच्चे भी उसी खंडहर में पढ़ने को मजबूर है।
बारातघर की हालत भी जर्जर है और वर्तमान में इस खण्डरनुमा बारात घर में अब माता-पिता भी अपने बच्चो को भेजने से कतरा रहे हैं। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्र में भी बच्चो की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है और नोनिहालो का भविष्य खतरे की ओर चल रहा है। लेकिन तब भी कार्यदायी संस्था खंड विकास कार्यालय चैन की नींद सो रही है।
ऐसे में ग्रामीणों की मांग है कि (tharali breaking news) जल्द से जल्द कार्यदायी संस्था द्वारा मिनी आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण पूर्ण किया जाए ताकि गांव के 6 वर्ष से कम आयु के बच्चो को सरकार द्वारा चलाये जा रहे आंगनबाड़ी केंद्रों का लाभ मिल सके और बच्चो का समुचित विकास इन केंद्रों के माध्यम से हो सके।
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