/ Sep 30, 2024
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2 अक्टूबर को इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) होगा, जिसे “रिंग ऑफ फायर” (Ring Of Fire) कहा जाता है।
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) तब लगता है जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक सीध में आ जाते हैं। चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आकर सूर्य की रोशनी को रोक देता है। इस दौरान चंद्रमा की दूरी पृथ्वी से बदलती रहती है, जिससे कभी यह बड़ा तो कभी छोटा दिखता है। जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है, तब यह इतना बड़ा दिखाई देता है कि पूरे सूर्य को ढक लेता है, जिसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
अंतरिक्ष से देखने पर, जब चंद्रमा सूर्य को ढकता है, तो पृथ्वी पर उसकी बड़ी परछाई दिखाई देती है। जिस जगह पर सूर्य ग्रहण (Surya Grahan ) लगता है, वहां कुछ मिनटों के लिए दिन में रात जैसा माहौल हो जाता है और तापमान भी थोड़ा कम हो जाता है।
2 अक्टूबर को जब दुनिया के कई हिस्सों में आंशिक सूर्यग्रहण दिखेगा, तब दक्षिणी अमेरिका के 11 राज्यों में एक खास नजारा देखने को मिलेगा जिसे “रिंग ऑफ फायर” कहते हैं। नासा के अनुसार, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूरज के बीच आता है और सूरज की रोशनी का ज्यादातर हिस्सा ढक जाता है, लेकिन किनारों पर एक चमकदार अंगूठी दिखती है, तो इसे “रिंग ऑफ फायर” (Ring Of Fire) सूर्यग्रहण कहा जाता है।
साल में आमतौर पर 2 से 5 बार सूर्यग्रहण (Surya Grahan) होते हैं, लेकिन पूर्ण सूर्यग्रहण एक या दो साल में सिर्फ एक बार ही होता है। अगला पूर्ण सूर्यग्रहण 2026 में होगा, जो ग्रीनलैंड, आइसलैंड और स्पेन में दिखेगा।
दक्षिणी अमेरिका के 11 राज्यों में लगभग 1.75 लाख लोग “रिंग ऑफ फायर” (Ring Of Fire) को देख सकेंगे। चिली और अर्जेंटीना में यह दृश्य 3 से 6 मिनट तक दिखेगा, और ईस्टर आइलैंड से सबसे बेहतरीन नजारा दिखेगा। इसके अलावा, पेरितो मोरेनो नेशनल पार्क, प्यूर्टो डेसिडो, प्यूर्टो सैन जूलियन और कोचरेन से भी इसे देखा जा सकेगा।
“रिंग ऑफ फायर” से लगभग 85 मिनट पहले आंशिक सूर्यग्रहण (Surya Grahan 2024) दिखाई देगा। यह दक्षिणी अमेरिका, अंटार्कटिका, उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हवाई में देखा जा सकेगा। ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना), साओ पाउलो (ब्राजील), असनसियान (पराग्वे) में भी आंशिक सूर्यग्रहण दिखेगा।
सूर्यग्रहण को सुरक्षित तरीके से देखने के लिए खास चश्मों का उपयोग करना जरूरी है, अन्यथा आंखों की रोशनी को नुकसान हो सकता है। साधारण सनग्लासेस से सूर्यग्रहण (Surya Grahan) नहीं देखा जा सकता। सोलर व्यूवर्स और फिल्टर्स का इस्तेमाल करना चाहिए, और अगर ये उपलब्ध न हों, तो सीधे सूर्य की तरफ नहीं देखना चाहिए, बल्कि पानी या छाया में देखकर इसका आनंद लें।
जब चंद्रमा पृथ्वी से दूर होता है, तो उसका आकार छोटा दिखता है और वह सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता। इस वजह से सूर्य के किनारे दिखते हैं, जो एक चमकदार रिंग यानी “रिंग ऑफ फायर” बनाते हैं। इसे देखने पर ऐसा लगता है जैसे आसमान में आग की अंगूठी हो। यह सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) छह घंटे से ज्यादा तक चलेगा।
लेकिन अगर आप इसे भारत से देखना चाहते हैं, तो आपको निराशा होगी, क्योंकि यह वलयाकार सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। यह दक्षिणी अमेरिका में ही नजर आएगा।
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