आरएम के तानाशाही से कहीं खतरे में ना पड़ जाए ARM की जान, सीनियर के कथित बर्ताव से कर रहे छुट्टी की मांग

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RM को लिखा ARM वाला पत्र हुआ वायरल, रोडवेज विभाग में मचा हड़कंप

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एक ऐसा वाकया सामने आया है जो आपको और हम सभी को सोचने पर मजबूर कर देगा कि क्या समाज में आज संवेदना और विचार शून्य हो गए हैं, जो कि समाज को सुचारु रूप से चलाने में बहुत उपयोगी माने जाते हैं। जी हाँ, हम एक ऐसे ही पहलू को उजागर कर रहे हैं जहां इंसान के मौलिक अधिकारों का हनन और दमन इस प्रकार किया जाता है कि वो मानसिक रूप से बीमार हो जाए और उसकी जान को बन आए।

हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के एक सरकारी महकमे कि –उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक   [एआरएम]की जो अपने सीनियर अधिकारी RM[क्षेत्रीय प्रबन्धक]के बर्ताव से इस कदर मर्माहत और परेशान हो गए हैं कि अपनी जान की सलामती के लिए विभाग से छुट्टी की मांग कर रहे हैं। रायबरेली डिपो रोडवेज़ के सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक[एआरएम] ने लखनऊ के रीज़नल मैनेजर [RM] के दुर्व्यवहार से परेशान होकर 18 दिन की छुट्टी की अर्जी दी है जो अबतक मंजूर नहीं हुई है।

RM [आरएम] का तानाशाही रवैया कर रहा सबको परेशान- कर रहा मौलिक अधिकारों का दमन

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम जो आम जनता की सुगम यात्रा के लिए बना है वो आज किन्ही चंद अफसरों की तानाशाही और दमनात्मक कारवाई से आर्थिक नुकसान की ओर अग्रसर है,जहां जूनियर अधिकारी अपने सीनियर अधिकारी के बर्ताव से आहत होकर अपनी जान की रक्षा के लिए छुट्टी की मांग कर रहे हैं जो मंजूर नहीं की जा रही। रायबरेली के सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक ने  लखनऊ  रीजनल मैनेजर के व्यवहार से दुखी होकर 18 दिन की अवकाश की मांग की है।

एआरएम एम एल केसरवानी ने लखनऊ  रीजनल मैनेजर-RM मनोज कुमार पुंडीर को लिखे पत्र में जिक्र किया है की कैसे वो उनके बर्ताव से इतना आहत हो गए हैं कि मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं। अक्सर मीटिंग में और फोन पर लगातार हतोत्साहित करने वाली अत्यंत कटु और अशोभनीय बातें कहते हैं,जिससे स्वास्थ्य और काम दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है। आगे उन्होने आशंका जताई है कि अगर ऐसा ही रहा तो कभी भी मेरे साथ हार्ट अटैक जैसी कोई अप्रिय घटना हो सकती है।

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सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक [ ARM] का क्षेत्रीय प्रबन्धक [RM] पर आरोप,जबरन त्यागपत्र देने या अवकाश पर जाने का बना रहे दबाव

रायबरेली के सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक एम एल केसरवानी का आरोप है कि आरएम [RM] लखनऊ मनोज पुंडीर ने 25 अक्टूबर को डिपो के प्रतिफल[लाभ] के विषय पर चर्चा करते हुए असंतोष जताया और जबरन त्यागपत्र देने या अवकाश पर जाने का दबाव दिया। दूसरी तरफ सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक एम एल केसरवानी ने बताया कि 7 जुलाई 2022 को अपना कार्यभार ग्रहण करने के बाद से अपनी पूरी मेहनत, लगन और ईमानदारी से काम किया है और निरंतर प्रयास किया कि कम पावर मैन होने के बावजूद डिपो बेहतर रूप से चले और प्रतिफलों[लाभ] में बढ़ोतरी हो।

उनका कहना है कि इन सबके बावजूद उन्हें हतोत्साहित किया जाता है और आशंका है कि अगर ऐसा ही बर्ताव रहा तो कभी भी हार्ट अटैक हो सकता है। अपने परिवार को इंगित करते हुए उन्होने पत्र में लिखा है उनकी पत्नी कि मृत्यु साल 2009 में ही हो चुकी है और तब से लगातार वो शुगर की बीमारी से पीड़ित हैं। अपनी शेष जिम्मेदारियों का उल्लेख करते हुए उन्होने लिखा कि उनकी पुत्री का विवाह करना शेष है, और अगर उनकी आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो उनके बच्चे अनाथ हो जाएंगे, जैसा लखनऊ क्षेत्र के पूर्ववती क्षेत्रीय प्रबन्धक पल्लव बोस के साथ 1 सितम्बर को हो चुका है।

सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक ने अपने जीवन रक्षा और मानसिक शांति के लिए 27 अक्टूबर से 13 नवम्बर तक 18 दिनों का उपार्जित अवकाश की मांग की है।परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने आरएम को बात करने और समस्या का समाधान निकालने के लिए कहा है।

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