नेताओं की उदासीनता से पिछड़ा पौड़ी, 21 साल में दोबारा कोई नहीं बना विधायक

0
248

डेढ़ दशक में एक अदद बस अड्डा तक नहीं बना पाए जनप्रतिनिधि, नेताओं की अदूरदर्शिता से बंजर हो रहे खेत, पौड़ी झेल रही पलायन की मार

पौड़ी गढ़वाल (कुलदीप बिष्ट): पौड़ी के विकास को लेकर सदैव उदासीन रहे पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों से अब जनता हताश नजर आ रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो उत्तराखण्ड निर्माण के बाद से ही जनता ने जिन जनप्रतिनिधियों को सत्ता पर काबिज किया वह जनता के भरोसे पर खरा उतर ही नहीं पाए। न ही पौड़ी के विकास को लेकर कोई ठोस योजना बनाई गई जिसका नतीजा ये रहा कि पौड़ी में जनप्रतिनिधियों की इस उदासीनता के कारण ही विकास और मूलभत सुविधाओ में पिछड़ा पौड़ी अब पलायन की मार तक झेल रहा है।

paudi shahar

यही कारण है कि गांव के खेत बंजर होते चले गए और युवा बेरोजगारी की तलाश में शहरी क्षेत्रों का रुख करते चले गए। वहीं विकास के मामले में पौड़ी इतना फिसड्डी रहा कि 21 सालों से पौड़ी के चुने जनप्रतिनिधि न तो पौड़ी का बस अड्डा बना पाए न ही पौड़ी के विकास और यहां के पर्यटन को बढ़ाने के लिए कोई ठोस योजना। यही एक वजह भी रही कि उत्तराखण्ड बनने के बाद पौड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा भेजे गए विधायक दोबारा से विधायक बनने के काबिल न रहे। यही वजह रही कि खराब परफॉर्मन्स के कारण सत्ता पर काबिज रही पार्टी को या तो दूसरा चेहरा जनता के बीच लाना पड़ा या फिर उस चेहरे को दोबारा से दोहराने पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

pori mla paudi

हालांकि पौड़ी जिले की श्रीनगर, लैंसडौन विधानसभा में विधायकों ने जनता के दिलो में जरूर जगह बनाई तो वह दोबारा से विधायक तक बन गए लेकिन पौड़ी विधानसभा का ये इतिहास अब भी यही रहा कि चुने गए विधायक अपने कार्यकाल को दोबारा से न दोहरा सके। वरिष्ठ पत्रकार अनिल बहुगुणा और समाजसेवी नमन चंदोला के अनुसार उदासीन जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि ने जनता की हाशिये पर रखा और पौड़ी विधानसभा के लिए कोई ठोस विकास योजनाओं को खींच लाने में अब तक विधायक फिसड्डी ही साबित हुए जिस पर जनता विकास के सपने तो हर देखती रही लेकिन जनता के उन सपनों को साकार करने में जनप्रतिनिधियो ने कोई भी रुचि ली ही नही।

नेताओं की उदासीनता से पिछड़ा पौड़ी, 21 साल में दोबारा कोई नहीं बना विधायक