Nehru Institute Of Mountaineering
नेहरु पर्वतारोहण संस्थान 14 नवंबर 1965 को स्थापित किया गया था और इसका नामकरण पंडित जवाहर लाल नेहरू जो पहाड़ों के शौकीन थे, उनके नाम पर किया गया था, ये भारत के प्रमुख पर्वतारोहण संस्थानों में से एक है, जिसने एशिया भर में अपनी पहचान बनाई है।
निम उत्तरकाशी जिले में स्थित सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स कराने वाला एशिया का इकलौता संस्थान है। 1945 में निम पहुंचे सर एडमंड हिलेरी ने संस्थान की प्रशंसा की थी। निम एवरेस्ट और शीशा पांग्मा समेत तीन दर्जन से अधिक चोटियों पर तिरंगा फहरा चुका है। निम से अबतक 31 हजार से ज्यादा देशी –विदेशी पर्वतारोही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
![NIM सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स कराने वाला एशिया का अकेला संस्थान 1 Nehru Institute Of Mountaineering](https://devbhoominews.com/wp-content/uploads/2022/10/ुपिपिुपुिपुिपिुपिुपुिप-300x170.jpg)
ये संस्थान बच्चों और वयस्कों को पर्वतारोहण और अन्य साहसिक पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण प्रदान करता है। ये संस्थान उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित है।
Nehru Institute Of Mountaineering
![NIM सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स कराने वाला एशिया का अकेला संस्थान 2 Nehru Institute Of Mountaineering](https://devbhoominews.com/wp-content/uploads/2022/10/ुपिुपिुपुिपुिपुपुप-300x176.jpg)
बीएमसी के प्रशिक्षु एनआईएम कैंपस और तेलखा रॉक क्षेत्र में शुरुवाती 8 से 9 दिन बिताते हैं, जहां वे शारीरिक कंडीशनिंग, व्यापक रॉक क्लाइम्बिंग प्रशिक्षण, मानचित्र पढ़ने, पर्वतीय मौसम, पर्वतीय स्वास्थ्य आदि से गुजरते हैं। इसके बाद प्रशिक्षु अगले 13 से 14 दिन पहाड़ो में बिताते हैं।पर्वतारोहण का उद्देश्य पहाड़ों के उच्चतम बिंदु तक पहुंचना है।
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