Uttarakhand News : Nainital शहर और नैनी झील को लेकर पर्यावरणविद से लेकर शासन- प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसका कारण है कि इतिहास में पहली बार नैनी झील का सितंबर माह में सबसे न्यूनतम स्तर पर झील का पानी पहुंच गया है। आने वाले समय पर यह न तो नैनीझील के लिए शुभ माना जा रहा है और ना ही Nainital शहर के लिए।
ये है चिंता का विषय
Nainital और नैनी झील को लेकर जो चिताएं बढ़ रही है उसका सबसे बड़ा कारण है कि मानसून समाप्ती पर है और नैनी झील का जलस्तर सामान्य जल स्तर के बराबर नहीं पहुंच पाया है। दर्ज आंकड़ों के अनुसार नैनी झील का जलस्तर सामान्य से करीब 4 फीट कम है। नैनी झील का सामान्य जलस्तर 12 फीट है लेकिन सितंबर माह में अब इतिहास में सबसे कम जलस्तर 7.6 फीट है।
इससे पहले नैनी झील जलस्तर 9 फीट तक ही न्यूनतम रहा
Nainital में जीवन का साधन बनी नैनी झील इससे पहले भी सामान्य से कम हुआ लेकिन इतना कम कभी नहीं पहुंचा। कुछ सालों के सितंबर माह के आंकड़ों पर नजर डाले तो 2019 में नैनी झील का जलस्तर 9 फीट, 2012 में 9.1 फीट, 2017 में 9.4 फीट और 2016 में 9.85 फीट दर्ज किया गया था। इसके अवाला सभी वर्षों में इस समय पर लगभग 11 फीट जलस्तर या उससे अधिक रहता है। 12 फीट से ऊपर जल स्तर होने पर नैनी झील के निकासी गेट खोलकर पानी बाहर निकाल देते हैं।
Nainital में औसत से कम हुई इस बार बारिश
नैनीताल अपनी खूबसूरती के साथ मौसम के लिए भी जाना जाता है। लेकिन इस बार नैनी ताल से मानो इंद्रदेव रूठ गये। इस साल सितंबर शुरुआत में नैनीताल में एक हजार मिमी की ही वर्षा हुई। यह माना जा रहा है कि इतिहास में इससे पहले कभी इतनी कम बारिश नहीं हुई। अन्य वर्षों में इस समय के बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां तीन से चार हजार मिमी बारिश दर्ज की गई।
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