Murder in Dehradun: लोगों को धोखे में रखने के किए गए थे केंद्र में पूरे इंतजाम
Murder in Dehradun: मंगलवार सुबह नशा मुक्ति केंद्र में हुई युवक की मौत का मामला अब धीरे धीरे गर्माता जा रहा है। इस मौत (Murder in Dehradun) ने नशा मुक्ति केंद्र के कई राज खोल दिए हैं। देहरादून चंद्रबनी में स्थित वाइल्ड लाइफ इस्टीट्यूट के पीछे बने नशा मुक्ति केंद्र की कई रहस्यमयी बातें सामने आ रही हैं।
इस नशा मुक्ति केंद्र में जिन कमरों में मरीजों को रखा जाता है उनके बाहर बड़े- बड़े ताले लटके हुए हैं और साथ ही इस नशा मुक्ति केंद्र की सुरक्षा में 4 बड़े- बड़े कुत्तों को भी रखा गया है। लोगों को अपने ऊपर विश्वास दिलाने के लिए केंद्र की दीवारों पर कई सारे सर्टीफीकेट और स्टांप लगाए गए हैं।
स्थानीय लोगों का ये भी कहना है कि इस नशा मुक्ति केंद्र में न तो कोई मनोचिकित्सक आता है और न ही मरीजों के इलाज के लिए कोई डाक्टर। तो अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस नशा मुक्ति केंद्र में कौन मरीजों का इलाज कर रहा है?
7 कमरों में बने इस नशा मुक्ति केंद्र के ठीक नीचे छोटे बच्चों का स्कूल भी चलाया जा रहा है। वहीं मंगलवार सुबह जिस युवक के शव (Murder in Dehradun) को उसके घर के बाहर छोड़ दिया गया था उसके शव पर भी कई ऐसे निशान दिखाई दे रहे हैं जिससे ये साफ होता है कि नशा मुक्ति केंद्र में इन युवकों का नशा इलाज से नहीं बल्की यातनाओं से छुड़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
पुलिस द्वारा की गई जांच में ये भी सामने आया कि नशा मुक्ति केंद्र, नशा छुड़ाने के लिए 5 हजार रुपये से लेकर 20 हजार रुपये तक ले रहा था। वहीं सिद्धू जिसकी मौत (Murder in Dehradun) मंगलवार को हुई थी उसके परिजन केंद्र को 5000 रुपये महीना दिया करते थे।
वहीं इस केंद्र में भर्ती होने के लिए भी कोई फिक्ड फीस नहीं थी। जो जितने पैसे दे पाता वो उतनी फीस देकर ही केंद्र में भर्ती हो जाता। फिलहाल पुलिस इस केंद्र में भर्ती हुए सभी मरीजों से और उनके परिजनों से पूछताछ कर रही है।
वहीं जल्द ही पुलिस इस नशा मुक्ति केंद्र को बंद कराने के लिए प्रशासन को एक रिपोर्ट तैयार करके भेज रही है और साथ ही इस केंद्र को सील करने की तैयारी भी की जा रही है। आपको बता दें कि यह नशा मुक्ति केंद्र आराध्या फाउंडेशन द्वारा संचालित किया जा रहा है जिसे 2015 में बनवाया गया था।
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