UTTARAKHAND DEVBHOOMI DESK:जोशीमठ में शीघ्र ही पुनर्वास और JOSHIMATH REDEVELOPMENT के कार्य शुरू होने जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को 1800 करोड़ के आर्थिक पैकेज के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जोशीमठ पुनर्निर्माण के तहत प्रथम चरण में आपदा प्रभावितों का पुनर्वास किया जाएगा।
बता दें कि जोशीमठ शहर का एक बड़ा हिस्सा भू-धंसाव की जद में आ गया था। इसी साल जनवरी में भू-धंसाव के चलते भवनों व भूमि में दरारें पड़ने का क्रम तेज हो गया था, जिसके बाद सरकार की ओर से तत्काल प्रभावी कदम उठाए गए। साथ ही देश के नामी संस्थानों की आठ एजेंसियों के माध्यम से भू-धंसाव के कारणों और उपचार का पता लगाने के लिए जांच कराई गई।
कुछ समय पहले जोशीमठ में भू-धँसाव के कारणों को जानने के लिए हुई जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई थी। विभिन्न जांच एजेंसियों की इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार की ओर से JOSHIMATH REDEVELOPMENT और आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था।
JOSHIMATH REDEVELOPMENT के लिए लोगों से की राय ली जाएगी
उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार प्रथम चरण में आपदा प्रभावितों का पुनर्वास होना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए पुनर्वास से पहले जोशीमठ आपदा प्रभावितों की भी राय जानी जाएगी और उनसे पूर्व में दिए गए विकल्पों पर उनके सुझाव लिए जाएंगे। प्रभावित मुआवजा राशि लेना चाहते हैं या भूमि अथवा ये चाहते हैं कि सरकार उन्हें घर बनाकर दे, इनमें से जो भी विकल्प वे चुनेंगे उसी के हिसाब से JOSHIMATH REDEVELOPMENT के काम किए जाएंगे।
डीपीआर तैयार की जाएगी
इस संबंध में एक दिन पहले मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु द्वारा JOSHIMATH REDEVELOPMENT से संबंधित कार्यों के संबंध में बैठक ली गई थी। इसके अंतर्गत जोशीमठ में होने वाले कामों को लेकर अलग अलग विभागों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।इसके अलावा सचिव ने जोशीमठ के उपचार और आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के दृष्टिगत सभी संबंधित विभागों को शीघ्रता से डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ साथ कार्यों की सचिव स्तर पर हर हफ्ते समीक्षा की जाएगी।
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