पिघलकर 18 किमी पीछे जा चुका है गंगोत्री ग्लेशियर, जताई चिंता

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विश्व धरोहर घोषित हो गंगा, हर व्यक्ति संरक्षण के लिए आगे आए, विश्व धरोहर दिवस पर गंगोत्री धाम में धरोहर व जलवायु विषय पर कार्यक्रम आयोजित

उत्तरकाशी (विनीत कंसवाल): गंगा नदी भारत की सांस्कृतिक व प्राचीन गौरवशाली धरोहर है, जो विश्व भर की सभ्यताओं को आकर्षित करती है। गंगा को विश्व धरोहर बनाने के उद्देश्य से गंगा विश्व धरोहर मंच के तत्वावधान में विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम में विश्व धरोहर दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि बाटेनिकल सर्वे आफ इंडिया कोलकाता के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कुमार अविनाश ने कहा कि गंगोत्री क्षेत्र जो पश्चिमी हिमालय की विभिन्न वनस्पतियों का भंडार है व संवहनी पौधों की हजारों प्रजातियां भी मौजूद हैं। एक तिहाई प्रजातियों के औषधीय उपयोग हैं। इसलिए इस क्षेत्र में स्थानीय वनस्पतियों को अधिकाधिक रोपण किये जाने के साथ ही पारिस्थितिकीय महत्व के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान की व्यापक आवश्यकता है। गंगा विश्व धरोहर मंच के सदस्य डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल ने कहा कि भारत गंगा-संस्कृति का देश है क्योंकि यहां के जनमानस में गंगा उनके जीवन का अभिन्न अंग है। प्रत्येक भारतीय को गंगा के संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। गंगोत्री तीर्थ ही वह जगह है जहां सर्वप्रथम गंगा का अवतरण हुआ था लेकिन ग्लेशियर के क्रमशः पिघलते रहने पर यह उद्गम 18 किमी पीछे चला गया। इस क्षेत्र में विशाल गंगोत्री नेशनल पार्क महान जैव विविधता को आश्रय देने के लिए जाना जाता है। जहां स्तनधारियों की 15 प्रजातियों और पक्षियों की 150 किस्मों के साथ, हिमालयन स्नोकॉक, हिमालयन मोनाल, ब्लू शीप, ब्राउन भालू, ब्लैक बियर, और स्नो लेपर्ड जैसी महत्वपूर्ण जन्तु प्रजातियां तथा वनस्पतियों में ओक, स्प्रूस, देवदार सहित विभिन्न प्रजातियां विद्यामान हैं।

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साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष वर्ल्ड हेरीटेज डे की थीम ‘धरोहर और जलवायु’ है। इसके चुने जाने का कारण जलवायु परिवर्तन व दूषित होते पर्यावरण का व्यापक प्रभाव स्थानीय जनजीवन पर पड़ रहा है। बदलते पर्यावरण के चलते आने वाली प्राकृतिक आपदाएं विरासत स्थलों को नुकसान पहुंचा रही हैं। ऐसे में पर्यावरण की रक्षा करने से हमारी धरोहर को भी बचाया जा सकता है। गोवा के गंगा के प्रति आस्थावान सोमेश ने कहा गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने के लिए गंगोत्री से ठोस नीति बनाई जानी चाहिए। गंगा विश्व धरोहर मंच के सदस्यों ने गंगोत्री नगर पंचायत में सभी आश्रमों व व्यवसायियों से गंगा तट पर स्वच्छता बनाए रखने की अपील भी की। इस अवसर पर गंगा विश्व धरोहर मंच सदस्य रावल सुनील सेमवाल, अमित सेमवाल, मीनाक्षी, कुमारी ज्योत्सना, कुलदीप, सूरज, अंकित, डॉ. शुभम सेमवाल, विनोद, कमला राम आदि मौजूद रहे।