UTTARAKHAND DEVBHOOMI DESK:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस महीने के अंत तक GAGANYAN MISSION के अंतर्गत अंतरिक्ष यात्रियों को निकालने की प्रणाली ‘क्रू एस्केप सिस्टम’ का परीक्षण करने की तैयारी में है। इसके लिए फ्लाइट टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 भेजने की तैयारी चल रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर के अंत तक इस परीक्षण के लिए फ्लाइट भेजी जा सकती है। इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
फ्लाइट टेस्ट व्हीकल का प्रक्षेपण GAGANYAN MISSION के चार मिशनों में से पहला होगा। इसके बाद दूसरा फ्लाइट टेस्ट व्हीकल और गगनयान (एलवीएम3-जी1) का पहला मानव रहित मिशन होगा।
![गगनयान मिशन: चाँद के बाद अब आकाश की बारी, इस महीने होगा क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण 1 GAGANYAN MISSION](http://devbhoominews.com/wp-content/uploads/2023/10/गगन-300x239.png)
क्या है क्रू एस्केप सिस्टम
क्रू एस्केप सिस्टम का मतलब है कि मिशन के दौरान कोई परेशानी आती है तो रॉकेट में मौजूद एस्ट्रोनॉट पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से पहुंच सकेंगे। किसी आपातकालीन स्थिति में क्रू एस्केप सिस्टम क्रू को रॉकेट से दूर ले जाएगा। इस सिस्टम की टेस्टिंग के लिए टेस्ट व्हीकल तैयार किया गया है।
GAGANYAN MISSION में 3 दिनों के मिशन के लिए 3 सदस्यों के दल को 400 Km ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा।
![गगनयान मिशन: चाँद के बाद अब आकाश की बारी, इस महीने होगा क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण 2 GAGANYAN MISSION](http://devbhoominews.com/wp-content/uploads/2023/10/Gaganyaan_crewed_spacecraft_in_deployed_twin_solar_panel_configuration.png)
GAGANYAN MISSION
PM मोदी ने साल 2018 में GAGANYAN MISSION की घोषणा की थी। इस मिशन को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई। अब 2024 के अंत या 2025 की शुरुआत तक इसके पूरा होने की संभावना है।
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