Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड में इस साल मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदाओं (Disaster Update) और सड़क हादसों में 74 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें कल हुए गौरीकुंड, रुद्रप्रयाग के 13 लोग शामिल नहीं हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, जून 2023 से अब तक प्राकृतिक आपदा में 31 लोगों की जान गई।
यही नहीं सड़क हादसों का और बुरा हाल है जिसमे 31 लोग घायल भी हुए हैं। सड़क हादसों में 43 लोगों की मौत हो गई और 149 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
Disaster Update: आपदा का केंद्र रुद्रप्रयाग
प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से रुद्रप्रयाग सबसे संवेदनशील है। इस मानसून सीजन में रुद्रप्रयाग में कोई बड़ा हादसा (Disaster Update) नहीं होने से लोग सुकून में थे लेकिन 3 अगस्त की रात गौरीकुंड के पास हुए हादसे ने सबको खौफ में भर दिया है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद से रुद्रप्रयाग में कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ था। उस साल केदार घाटी में आई बाढ़ में हजारों लोगों की मौत हो गई थी। जबकि इस साल जिस प्रकार लगातार बारिश हो रही थी, उससे एक बार फिर खतरे की आशंका बन रही है।
गौरीकुंड के बुजुर्ग लोग बताते हैं कि मानसून के दौरान हर वक्त यहाँ की जनता आपदा (Disaster Update) की आशंका में जीती है। कब भूस्खलन हो जाए या पहाड़ से बोल्डर गिर पड़े, कुछ पता नहीं होता।
चमोली करंट हादसे में 16 लोगों की मौत का गम लोग अभी भुला भी नहीं पाए थे कि कुदरत ने रुद्रप्रयाग को भी गहरा जख्म दे दिया। 2013 की केदारनाथ आपदा (Disaster Update) के बाद यह पहला मौका है जब बड़ी संख्या में लोग लापता हुए।
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