UTTARAKHAND DEVBHOOMI DESK:देहरादून में आज फोरम फॉर क्रेसेज एण्ड़ चाइल्ड केयर सर्विसेज (फोर्सेस) उत्तराखण्ड़ द्वारा प्रारम्भिक बाल देखरेख (DEHRADUN CHILD CARE WORKSHOP) एवं विकास विषय पर राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में राज्य के 13 जनपदों से स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व अन्य संगठनों के 40 से अधिक प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।
इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड़ में आईसीडीएस एवं अन्य प्रारम्भिक बाल सेवाओं के अध्ययन के साथ ही राज्य में पालना घर की आवश्यकता और संचालन पर विस्तार से चर्चा कर निर्णय लिया गया कि बाल संरक्षण आयोग, आईसीडीएस और फोर्सेस उत्तराखण्ड़ मिलकर इस पर कार्य करेगा।
राज्य स्तरीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ0 गीता खन्ना ने कहा कि उत्तराखण्ड़ फोर्सेस के साथ मिलकर उत्तराखण्ड में प्रारम्भिक बाल देखरेख एवं विकास से सम्बन्धित सेवाओं का अध्ययन किया जाएगा, जिससे वर्तमान वस्तुस्थिति का पता लग सके।
उन्होने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों के साथ ही अन्य संस्थाएं भी प्रारम्भिक बाल देखरेख एवं विकास सेवाओं के लिए कार्य कर रही हैं, जिसमें आपसी समन्वय की कमी को दूर करने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाने चाहिए।
इसके अलावा उन्होने कहा कि सरकारी स्तर पर बच्चों की देखभालऔर विकास के लिए बहुत सारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, इन योजनाओं का लाभ आम लोगों को आसानी से मिल सके इसके लिए स्वयं सेवी संस्थाओं को जागरूकता के कार्यक्रमों का संचालन करना चाहिए।
कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि आईसीडीएस के निदेशक प्रशान्त आर्य ने कहा कि प्रारम्भिक बाल देखरेख एवं विकास की सेवाएं समुदाय के लिए क्यों जरूरी हैं, इसके लिए स्वयं सेवी संस्थाओं एवं विभाग को समुदाय के अन्दर वातावरण बनाने का प्रयास करना चाहिए ताकि योजनाएं जनता के सहयोग से सरलता से पूर्ण की जा सकें।
उन्होने फोर्सेंस उत्तराखण्ड के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि समुदाय आधारित गतिविधियों के लिए विभाग फोर्सेस के साथ मिलकर कार्य करेगा। (DEHRADUN CHILD CARE WORKSHOP)उत्तराखण्ड फोर्सेस के द्वारा आयोजित चौपालों में आये प्रमुख विन्दुओं पर भी उन्होने कहा कि इसमें जो भी विभाग के स्तर पर बच्चों के विकास के लिए हो पाएगा वे इसके लिए अवश्य की प्रयास करेंगे।
निदेशक ने कहा कि राज्य में ऐसे स्थानों का चयन भी किया जाना चाहिए जहां पर फ्लोटिंग पापुलेशन रह रही है, ताकि वहां पर बच्चों की प्रारम्भिक देखभाल के लिए कार्य करने की योजना बनायी जा सके।DEHRADUN CHILD CARE WORKSHOP में 13 जनपदों के प्रतिनिधियों ने किया प्रतिभाग कार्यशाला में फोर्सेस उत्तराखण्ड के राज्य समन्वयक डॉ0 डीएस पुण्डीर ने संगठन के उद्देश्यों के साथ ही राज्य में अब तक किए गए कार्यों की जानकारी दी।
कार्यशाला में फोर्सेस उत्तराखण्ड द्वारा विगत दिनों आयोजित की गयी चौपालों में आये प्रमुख तथ्यों पर चर्चा करते हुए, एटसेक नार्थ इण्डिया एवं उत्तराखण्ड के राज्य समन्वयक डॉ0 वीपी बलोदी ने कहा कि बच्चों की प्रारम्भिक देखरेख व विकास के कार्यक्रमों का सही संचालन करने के लिए जनसमुदाय को संवेदित किए जाने की आवश्यकता है।
कार्यशाला में यूएनडीपी के प्लानिंग प्रतिनिधि शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि फोर्सेस उत्तराखण्ड़ को प्रारम्भिक बाल देखभाल सेवाओं की आवश्यकताओं के लिए यूएनडीपी पूरी तरह से मदद करेगा। (DEHRADUN CHILD CARE WORKSHOP) नेशनल फोर्सेस के भूपेन्द्र सिंह ने फोर्सेस की स्थापना, उद्देश्य और किए जा रहे कार्यों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला।
DEHRADUN CHILD CARE WORKSHOP में ये रहे शामिल
कार्यशाला में आदर्श युवा समिति हरिद्वार के दलमीर सिंह, पराज सामाजिक संस्था पौड़ी की सुनीता भट्ट, वीडीएस हरिद्वार के राज बहादुर सैनी, माउन्टेन चिल्ड्रन फोरम की मोनिका भण्डारी, टीपीवीएस उत्तरकाशी के नागेन्द्र दत्त, महिला उत्थान एवं ग्राम विकास संस्थान उत्तरकाशी के करण सिंह, कार्यक्रम का संचालन डॉ0 डीएस पुण्डीर ने किया।
देवभूमि उत्तराखंड से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज