पहले कंधे पर पैदल फिर बस से ले गया बच्ची का शव
MP के छतरपुर (Chhatarpur) में सिस्टम पर सवाल खड़े करने वाला मामला सामने आया है। छतरपुर जिले के अस्पताल में 4 साल की मासूम की मौत हो गई। अस्पताल में एम्बुलेंस नहीं मिली तो उसका मामा शव को कंधे पर रखकर ही घर ले गया। काफी दूर तक पैदल चलने के बाद वह बस पकड़कर अपने गांव गया।
Chhatarpur : पूरा मामला क्या है
MP के छतरपुर (Chhatarpur) जिला मुख्यालय से महज 40 KM दूर बाजना के एक गांव में रहने वाले बच्ची के मामा किशोरी के मुताबिक, “बुधवार सुबह 10 बजे उसकी भांजी प्रीति अपनी दो सहेलियों के साथ नदी किनारे खेल रही थी। किशोरी भी वहीं नहा रहा था। नदी के पास का एरिया गीला है, इस वजह से प्रीति मिट्टी में दब गई। उसके साथ खेल रहीं 2 सहेलियों ने जब रोना शुरू किया तब किशोरी को समझ आया की प्रीति मिट्टी में दब गई।
उनकी आवाज सुनकर जब किशोरी पहुंचा तो उसने देखा कि प्रीति मिट्टी में दबी हुई थी। किशोरी ने किसी तरह प्रीति को बाहर निकाला। तुरंत पास के अस्पताल ले गया। हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उसे छतरपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।”
Chhatarpu : 2 घंटे तक शव लेकर भटकता रहा, नहीं मिली एम्बुलेंस
किशोरी का कहना है कि शव घर तक लाने के लिए एम्बुलेंस मांगी, लेकिन मुझे एम्बुलेंस नहीं मिल पाई। 2 घंटे तक अस्पताल में भटकता रहा फिर जब शाम हो गई थी, तो मैंने बच्ची को चादर से लपेटा और कंधे पर रखकर पैदल ही चल दिया। फिर एक चौराहे से बस पकड़ी और गांव आ आया।
Chhatarpur : आखिर ज़िम्मेदार कौन ?
पिछले दिनों ही स्थानीय विधायक ने (Chhatarpur) अस्पताल के लिए शव वाहन दिया है। इसके बावजूद वह जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल पा रहा है। जिला अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि विधायक की ओर से दिया गया शव वाहन समर्पण क्लब के पास है, इसलिए वे ही उसे ऑपरेट करते हैं। उन्होंने बच्ची (प्रीति) के शव को गांव तक पहुंचाने के लिए वाहन क्यों नहीं दिया, वह ही बता पाएंगे। हम नही बता सकते
पैरोल पर बाहर आए रेप के दोषी राम रहीम के सत्संग में BJP नेता ले रहे आशीर्वाद