Chamoli News: खौफ के साये में जीने को मजबूर 84 परिवार
Chamoli News: चमोली जिले के थराली तहसील में स्थित पैंनगढ़ गांव पिछले डेढ़ सालों से स्लाइडिंग का प्रकोप झेल रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन को इस बारे में बताया गया है, लेकिन उन्होंने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। ऊपर से स्लाइडिंग हो रही है जिस कारण नीचे रहने वाले परिवारों को बहुत ज्यादा खतरा है. इस गांव में लगभग 84 परिवार रहते हैं जिसमें कि 36 परिवार इस स्लाइडिंग की जद्द में आ चुके (Chamoli News) हैं.
सरकार ने पिछ्ले डेढ़ साल से नहीं ली चमोली जिले के इस गांव की सुध, खौफ के साये में जीने को मजबूर 84 परिवार
Read More:- https://t.co/NG5Qk0zRS5 pic.twitter.com/9r78qSO3am
— Devbhoomi News (@devbhoomi_news) October 29, 2022
सरकार ने पिछ्ले डेढ़ साल से नहीं ली चमोली जिले के इस गांव की सुध, खौफ के साये में जीने को मजबूर 84 परिवार
Read More:- https://t.co/NG5Qk0zRS5 #chamolinews #paingadhvillagechamoli #paingadhvillagevideo pic.twitter.com/8slOfNnTDz
— Devbhoomi News (@devbhoomi_news) October 29, 2022
आप को बता दें कि 21 अक्टूबर 2022 को भी पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर आने की वजह से नीचे 2 परिवारों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. जिसमें से एक परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई व 1 अन्य परिवार का पूरा मकान तहस-नहस हो गया. जिस वजह से यह परिवार पिछले 8 दिनों से लोगों के घर में रहने को मजबूर हैं.
Chamoli News : प्रशासन आता है और देखकर चला जाता है
वहीं ग्रामीणों का कहना है प्रशासन के लोग आते और 5-5 हज़ार रुपये के चेक देकर चला जाता है. ग्रामीणों का कहना है इस बावत ग्रामीण प्रशासन को कई बार पत्र भी दे चुके हैं कि उनका पुनर्वास किया जाये, लेकिन प्रशासन की और सिर्फ टेंट के लिए जगह निर्धारित की गई है, वह भी खेतों में, अब सर्दी का प्रकोप दिन-ब-दिन बढ़ रहा और इन टेंटों में बच्चे और बूढे भी साथ में रह्ते हैं जिस से कि इन परिवारों को अब भारी दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है. यह परिवार जैसे-तैसे करके अपनी दिनचर्या व्यतीत करना कर रहे हैं.
Chamoli News: मिल रहा है सिर्फ 5 किलो चावल, 5 किलो आटा
आप को यह भी बता दे की भूगर्भ वैज्ञानिकों ने भी इस जगह का निरीक्षण किया था और वे भी इस को डेंजर जोन बताते हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र संवेदनशील होने के बाद भी प्रशासन 5 किलो चावल, 5 किलो आटा देकर चले जाते है. साथ ही प्रशासन ने ग्रामीणों के विस्थापन हेतु पिछले डेढ़ साल से चुप्पी साद रखी है.
ग्रामीणों का आरोप यह भी है कि आज के समय में सारा का सारा गांव संवेदनशील हो चुका है, ऊपर से बड़े-बड़े पत्थर दिन भर पहाड़ी से आ रहे हैं, लेकिन प्रशासन सिर्फ यह कहकर अपना पल्ला झाड़ रही है कि जब तक सरकार की और से कुछ होगा तब तक हम आगे कुछ नही कर सकते.
प्रदेश में अब हर परिवार का बनेगा परिवार पहचान पत्र, ये फायदे हैं इस योजना के