Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड के दूरस्थ जिले चमोली में सीमावर्ती क्षेत्र नीति घाटी को जोड़ने वाले गिर्थी नदी पर BRO MALARI BRIDGE तैयार करने का काम पूरा हो गया है। इस पुल के द्वारा अब सेना, आईटीबीपी के साथ ही स्थानीय वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। बता दें कि बीते 16 अप्रैल को निर्माण सामग्री से भरे हुए एक बड़े ट्रक के यहां से गुजरने के कारण पुल क्षतिग्रस्त हो गया था।
भारत और तिब्बत सीमा से सटे हुए और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मलारी मार्ग पर (BRO MALARI BRIDGE) यह पुल टूटने से सेना, आईटीबीपी के साथ ही स्थानीय वाहनों के लिए बहुत बड़ी समस्या आ पड़ी थी। इसके बाद सीमा सड़क संगठन (BRO) ने दो दिन के अंदर वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए नदी में मिट्टी और पत्थरों से भर कर अस्थाई रास्ता बनाकर वाहनों की आवाजाही शुरू करा दी थी, लेकिन नदी पानी का जलस्तर बढ़ने के कारण ये मार्ग ज्यादा नहीं चल पा रहा था।
BRO MALARI BRIDGE: पुल के अलावा कौन से काम चल रहे हैं?
इस पुल का उद्घाटन कर शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर प्रसन्ना जोशी ने (BRO MALARI BRIDGE) सेना, आईटीबीपी के साथ ही स्थानीय वाहनों की आवाजाही शुरू कराई। इससे पहले BRO ने शुक्रवार को ही पुल से वाहनों की आवाजाही करा कर परीक्षण भी कर लिया था। परियोजना के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर प्रसन्ना जोशी ने बताया कि BRO के जोशीमठ क्षेत्र में 24 अन्य काम भी प्रगति पर है। इन पुलों का निर्माण कार्य बहुत जल्द ही पूरा कर लेने की संभावना है। बताया कि माणा पास और जोशीमठ मलारी सड़क के चौड़ीकरण का काम भी जल्द शुरू करवाए जाने की कोशिश की जा रही है।
टीएफ के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अंकुर महाजन ने कहा कि कैलाशपुर में पुल निर्माण के बाद वैकल्पिक मार्ग की जरुरत भविष्य में नहीं होगी। BRO ने इस पुल को पूरा करके एक बहुत ही महत्वपूर्ण काम किया है। यह बैली ब्रिज आर्थिक दृष्टि से मुख्यधारा के साथ महत्वपूर्ण है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नीति घाटी तक पहुंचने के लिए एकमात्र यही रास्ता है।
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