एक ऐसा गांव जहां लोगों को उनके नाम से नहीं बल्की सीटियों की अलग अलग धुनों से बुलाया जाता है।

0
334
Whistling Village of India
Whistling Village of India

Whistling Village of India: क्यों पुकारा जाता है यहां लोगों को सीटी की धुनों से?

Whistling Village of India: भारत में कई अनोखे राज्य हैं और इन रज्यों में कई अनोखे गांव, कुछ गांव अपनी संस्कृति और रीति रिवाजों के लिए जाने जाते हैं तो कुछ अपनी अनोखी प्रथाओं के लिए। इन्हीं अनोखे गांवों में से एक गांव ऐसा भी है जहां लोग एक दूसरे को उनके नामों से नहीं बुलाते बल्की एक धुन के जरिए बुलाते हैं और अगर आप इस गांव (Whistling Village of India) से गुजरेंगे तो आपको यहां से संगीत की अलग अलग धुने सुनाईं देंगी।

ये अनोखा गांव (Whistling Village of India) मेघालय में स्थित है जिसका नाम है कोंगथोंग गांव। इस गांव में जब भी कोई बच्चा पैदा होता है तो उसकी मां उसका नाम एक धुन पर रख देती है और फिर आगे चलकर उसे उसी धुन से बुलाया जाता है, यही वजह है कि इस गांव को व्हिसलिंग विलेज (Whistling Village of India) के नाम से भी जाना जाता है।    

कई पीढ़ियों से इस गांव में जब भी कोई बच्चा पैदा होता है तो उसकी मां उसके लिए एक धुन तैयार करती है, इसके बाद यही धुन इस बच्चे की पहचान बन जाती है। इस गांव (Whistling Village of India) में करीबन 700 से भी ज्यादा लोग रहते हैं और हर कोई एक दूसरे को सीटियों की अलग अलग धुन से ही पुकारता है।

ये भी पढ़ें:
Scottish Marriage Traditions
यहां शादी के पवित्र बंधन में बंधने पर दूल्हा- दुल्हन के चहरों पर पोती जाती है कालिख

इस गांव (Whistling Village of India) के बारे में पहले किसी को कोई जानकारी नहीं थी लेकिन फिर धीरे धीरे कुछ लोगों को इस अनोखे गांव के बारे में पता चला और लोगों का इस गांव (Whistling Village of India) में आना बढ़ने लगा। इस गांव के लोग थोड़े शर्मीले हैं और इसी कारण ये बाहर के लोगों से जल्दी से बात या फिर उनके साथ घुल-मिल नहीं पाते।

इस गांव (Whistling Village of India) में जब भी कोई महिला गर्भवति होती है तो वह अपने होने वाले बच्चे के लिए लोरी गाती है। इसके बाद बच्चे के पैदा होने के बाद भी मां उसके लिए लोरी गाती है। धीरे घीरे लोरी की ये धुन हर किसी के मुह पर चढ़ जाती है, जिसके बाद उस बच्चे को उसी धुन से पुकारा जाने लगता है।

इस धुन को जिंगरवाई लॉबेई के नाम से जाना जाता है, मगर इस गांव में रह रहे लोगों के दूसरे नाम भी हैं जैसे किसी भी आम व्यक्ति के होते हैं। मगर बावजूद इसके इस गांव के लोग एक दूसरे को अलग अलग धुनों से ही पुकारते हैं और अनोखी बात तो ये है कि यहां हर किसी व्यक्ति के लिए अलग अलग धुन का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर ये धुन किसी पक्षी या फिर प्रकृति की धुन से मेल खाती है।

अब आपको बताते हैं कि आखिर क्यों इस गांव (Whistling Village of India) के लोग एक दूसरे को अलग अलग धुनों से पुकारते हैं। दरअसल इस गांव (Whistling Village of India) के लोगों का मानना है कि गांव के आस पास के जंगलों में भूत प्रेत का वास है और अगर गांव के लोग किसी भी व्यक्ति का नाम लेते हैं तो ये बुरी आत्माएं उन लोगों को अपने वश में ले लेती है और फिर उस व्यक्ति की तबीयत बिगड़ने लगती है। यही कारण है कि इस गांव (Whistling Village of India) के लोग एक दूसरे को धुनों के माध्यम से पुकारते हैं।     

इस गांव में ये अनोखी परंपरा कबसे शुरु हुई इस बारे में तो किसी को भी कोई जानकारी नहीं है लेकिन ये गांव धीरे- धीरे लोगों के बीच एक आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है।

ये भी पढ़ें:
Hiware Bazar Village
कभी सूखे की मार झेल रहे इस गांव में आज हैं ज्यादातर लोग करोड़पति

For latest news of Uttarakhand subscribe devbhominews.com