/ Dec 18, 2025
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VB-G RAM G BILL PASSED: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को लोकसभा में भारी शोर-शराबे और विपक्षी सांसदों के तीखे विरोध के बीच ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025’ यानी ‘VB-G RAM G’ बिल ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। यह नया कानून वर्ष 2005 से चले आ रहे ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) का स्थान लेगा। केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दिया, जिसके तुरंत बाद सदन ने इसे मंजूरी दे दी।

इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने आसन के पास जाकर नारेबाजी की और कागज फाड़कर हवा में उछाल दिए, जिसके चलते कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित करना पड़ा। इस विधेयक के अनुसार ग्रामीण परिवारों को साल में 100 दिन के बजाय 125 दिनों के रोजगार की वैधानिक गारंटी दी जाएगी। सरकार का दावा है कि यह विधेयक ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को ध्यान में रखकर लाया गया है। इसमें पारदर्शिता लाने के लिए एआई (AI) आधारित ऑडिट, जीपीएस मॉनिटरिंग और डिजिटल निगरानी जैसे तकनीकी प्रावधानों को अनिवार्य किया गया है।

इस विधेयक पर सबसे ज्यादा घमासान इसके नाम और फंडिंग पैटर्न को लेकर है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार इस कानून के जरिए महात्मा गांधी का नाम हटा रही है। विधेयक के संक्षिप्त नाम ‘VB-G RAM G’ (जी राम जी) को विपक्ष ने भगवान राम के नाम का राजनीतिकरण और गांधी की विरासत को मिटाने की कोशिश बताया है। नए कानून में फंडिंग का ढांचा भी बदल दिया गया है। पुराने कानून में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत फंड देती थी, लेकिन नए कानून के तहत अब केंद्र की हिस्सेदारी घटाकर 60 प्रतिशत कर दी गई है, जबकि राज्यों को 40 प्रतिशत खर्च उठाना होगा। विपक्ष का तर्क है कि इससे राज्यों के खजाने पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा।

विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उनकी सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती और यह बिल गरीबों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘G RAM G’ का अर्थ ‘गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ है। उन्होंने कहा कि 125 दिनों का रोजगार और बढ़ी हुई दिहाड़ी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी। लोकसभा से पास होने के बाद अब इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

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