Uttarakhand Tourism: ये तो सभी जानते हैं कि धरती का स्वर्ग जम्मू- कश्मीर को कहा जाता है। यहां की सुंदरता हर किसी को अपनी ओर खींच लेती है। लेकिन यह चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं कि अब पर्यटकों को जम्मू- कश्मीर नहीं देवभूमि उत्तराखंड ज्यादा भा रहा है। आंकड़ों पर नजर डाले तो उत्तराखंड में हर साल पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
कश्मीर से ज्यादा पर्यटक आये उत्तराखंड में
Uttarakhand Tourism को लेकर यह अच्छी खबर है कि पर्यटक धीरे- धीरे उत्तराखंड की तरफ आ रहे हैं। यहां पर्यटन और तीर्थाटन दोनों में ही बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि उत्तराखंड को लोग कश्मीर से ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
जम्मू- कश्मीर पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी से 15 जून तक 10 लाख पर्यटक उनके प्रदेश में घूमने आये। साथ ही वहां के श्राइन बोर्ड के अनुसार अप्रैल माह से जून माह तक करीब 32 लाख श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी के दर्शन करने पहुंचे।

लेकिन Uttarakhand Tourism विभाग के अनुसार इस अवधि में उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या 50 लाख अधिक हो गई है। यहां चारधाम यात्रा में 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। साथ ही नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे स्थानों में भी 10 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे। नैनीताल जिले में जनवरी से मई तक लगभग साढ़े तीन लाख पर्यटक घूमने पहुंचे।
Uttarakhand Tourism: इन जगहों में बढ़ रही है पर्यटकों की संख्या

उत्तराखंड में मसूरी, नैनीताल, लैंसडाउन और ऋषिकेश जैसे जगहों पर तो सारे रिकॉर्ड टूटते नजर आ रहे हैं। मसूरी और नैनीताल की ही बात करें तो यहां पर्यटक सीजन उम्मीद से ज्यादा बेहतर रहा है। यहां कई बार ऐसी स्थिति आई है कि पुलिस को पर्यटकों की एंट्री रोकनी पड़ी है। इसके उत्तराखंड में अब छोटे पर्यटक स्थल कहे या कुछ ऐसे पर्यटक स्थल जहां पर्यटक कम आते थे वहां भी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है।
साथ ही उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को लेकर भी पर्यटकों में उत्साह बढ़ा है। इन सब का असर ये है कि यहां के व्यापारियों को जो नुकसान कोरोना काल में हुआ था उसकी भरपाई होती नजर आ रही है और सरकार को भी इसका फायदा हो रहा है।
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