उत्तराखंड के पौराणिक त्योहारों को मिलेगी पहचान, प्रयास में जुटी धामी सरकार

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Uttarakhand festivals
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Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड राज्य को ‘देवभूमि’ के रूप में भी जाना जाता है। उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां विभिन्न जातीय समूह, जनजातीय समुदाय और अप्रवासिय लोग निवास करते हैं। यहां हिंदी, भोटिया, गढ़वाली, कुमांऊँनी जैसी भाषायें बोली जाती है। साथ ही विभिन्न पारंपरिक कपड़े पहनते जाते हैं और विभिन्न त्योहारों को बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार और मेले (Uttarakhand festivals) राज्य की संस्कृति और परम्पराओं को प्रदर्शित करते है। साथ-साथ यह पर्यटन में भी महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते है। जिससे देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक इस राज्य की तरफ आकर्षित होते हैं। फूल देई उत्सव, गंगा दशहरा, मकर संक्रांति जैसे पर्व प्रदेश में बड़े धूमधाम से मनाया जाते था लेकिन समय के साथ- साथ इन त्योहारों और मेलों को भुलाया जाने लगा था।

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Uttarakhand festivals: पौराणिक त्योहारों और मेलों को मिलेगी पहचान

इसी को देखते हुए प्रदेश की धामी सरकार ने राज्य के पौराणिक त्योहारों और मेलों (Uttarakhand festivals) को एक बार फिर से पहचान दिलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संस्कृति विभाग को पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए। बता दें कि उत्तराखंड में इस बार इगास पर्व (Uttarakhand festivals) जोरो-शोरो से मनाया गया। यही नहीं राज्य सरकर ने इगास के दिन सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया। ऐसे में इसकी धूम देहरादून से दिल्ली तक देखने को मिली। जिसके बाद सरकार भी काफी उत्साहित है। इसके चलते सरकार ने अब अन्य पौराणिक त्योहारों (Uttarakhand festivals) को भी बड़े स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है, ताकि आने वाली पीढ़ी को भी जानकारी मिलती रहे।

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Uttarakhand festivals: धामी सरकार इसलिए बना रही यह प्लान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ‘प्रदेश में फूलदेई, घी संग्रांद, मकर संक्रांति, बग्वाल, बिटोली, नंदादेवी राजजात, उत्तरायणी, देवीधुरा, पूर्णागिरी मेला और उत्तराखंड के जितने भी प्राचीन त्योहार और मेले हैं, उन्हें नई पहचान दिलाई जाएगी। सरकार इस तरह की योजना बना रही है जिससे सभी लोग इन त्योहारों को जोर-शोर और पूरे उत्साह के साथ मनाएं। नई पीढ़ी को भी अपनी संस्कृति के बारे में जानकारी हो, इसके लिए यह कदम उठाया जा रहा है।’

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