अब विजिलेन्स भी Paper Leak की जांच में जुटी, पूर्व सचिव बड़ोनी; पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी समेत 6 पर किया मुकदमा
Uttarakhand News- Dehradun Bureau: देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षा पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) मामले में एसटीएफ के बाद अब विजिलेंस ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है। सर्तकता विभाग ने सीएम से अनुमोदन मिलने के बाद इस पेपर लीक मामले (UKSSSC Paper Leak) में पूर्व सचिव संतोष बडोनी, पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी और आयोग के तीन अनुभाग अधिकारियों के अलावा आरएमएस कंपनी (RMS) के मालिक के चौहान खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
अभी तक उत्तराखंड STF यूकेएसएसएससी भर्ती पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) मामले में 37 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। 21 अरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में भी मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। दूसरी ओर भर्ती पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) मामले में कहीं न कहीं आयोग के अधिकारियों की बड़ी भूमिका सामने आ रही है। जिस कंपनी का दो साल पहले अनुबंध खत्म हो गया था उससे फिर भी कैसे भर्तियां करवाई गई।
यही नहीं इस दो साल के दौरान 22 करोड़ से अधिक का भुगतान भी इस कंपनी को कर दिया गया। जनवरी में परीक्षा नियंत्रक के रिटायर होने के बाद परीक्षा नियंत्रक की जिम्मेदारी भी पूर्व सचिव संतोष बड़ोनी के पास ही थी।
2 साल पहले खत्म हो चुका था अनुबंध फिर भी सौंपी परीक्षाओं की जिम्मेदारी
यूकेएसएसएसी भर्ती पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसटीएफ आए दिन नए-नए और चैंकाने वाले खुलासे कर रही है। यह भी सामने आया कि आरएमएस टेक्नोसोल्यूशंस कंपनी लखनऊ का आयोग के साथ 2 साल पहले अक्टूबर 2019 में अनुबंध समाप्त हो गया था लेकिन फिर भी कंपनी को 22 करोड़ रुपये का भुगतान करने के साथ ही भर्ती परीक्षाओं की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। अनुबंध खत्म होने के बाद भी कंपनी को पेमेंट कैसे किया गया, यह भी जांच का विषय है। 1 दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुमोदन मिलने के बाद सतर्कता विभाग यानी विजिलेंस की टीम ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।
UKSSSC Paper Leak: परीक्षा नियंत्रक जनवरी में हो चुके थे रिटायर
आयोग के परीक्षा नियंत्रक और सचिव की इस घोर लापरवाही और गोलमाल में अहम भूमिका बताई जा रही है। परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी इसी वर्ष जनवरी 2022 में रिटायर हो चुके हैं। इसके बाद परीक्षा नियंत्रक की जिम्मेदारी भी सचिव संतोष बड़ोनी के पास ही थी। दूसरी ओर आयोग के गोपन विभाग में तैनात अनुभाग अधिकारी कैलाश नैनवाल, बृजलाल बहुगुणा और दीपा जोशी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
UKSSSC Paper Leak: RMS कंपनी के एक ही मालिक को सजा और बेखौफ
यह भी सवाल उठ रहे हैं कि आरएमएस टेक्नोसोल्यूशंस कंपनी के एक ही मालिक को गिरफ्तार कर और उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। क्योंकि किसी भी कंपनी में सिर्फ एक व्यक्ति मालिक नहीं हो सकता। शेयर होल्डर और अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ एसटीएफ के साथ ही सरकार की कोई एजेंसी मुकदमा दर्ज नहीं कर रही है।
आयोग के अफसरों की पेपर लीक में बड़ी भूमिका?
दरअसल, आरएमएस टेक्नोसोल्यूशंस कंपनी लखनऊ को किए गए भुगतान की फाइल पर इन सभी के हस्ताक्षर हुए हैं। कंपनी का अनुबंध 2 साल पहले ही समाप्त हो चुका था फिर भी ₹220000000 का भुगतान कैसे किया गया? इसके साथ ही इतनी महत्वपूर्ण परीक्षाओं के आयोजन सौंपे जाने में भी बड़े स्तर पर हुए खेल को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
UKSSSC Paper Leak: वहीं, पूर्व में यूकेएसएसएससी के सचिव रहे संतोष बडोनी को काफी समय बाद पद से तो हटाया गया, लेकिन गिरफ्तार अभी तक नहीं किया गया। सचिवालय में तैनाती देने के बाद हालांकि उन्हें निलंबित भी सरकार ने किया, लेकिन यह मात्र खानापूर्ति प्रतीत हो रही है। जबकि पीसीएस अधिकारी नारायण सिंह डांगी जनवरी में रिटायर हो चुके हैं। अब देखना होगा कि आयोग के अफसरों के खिलाफ विजिलेंस क्या कार्रवाई करती है। दूसरी ओर बृजलाल बहुगुणा और दीपक जोशी की नियुक्ति भी दो साल पहले ही दूसरे विभागों से यहां पर की गई हैं।