Uttarakhand News- Dehradun Bureau: देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंबे समय से उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) में अपनी सेवाएं दे रहे सिपाहियों की 4600 ग्रेड पे की मांग का निदान करीब-करीब कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड पुलिस विभाग (Uttarakhand Police) में एडिशनल एसआई का नया रैंक सृजित करते हुए 1750 नए पदों पर पदोन्नति करने का आदेश जारी किया है।
इस दायरे में आने वाले सभी सिपाही एडिशनल एसआई बनाए जाएंगे। इसके साथ ही उन्हें ग्रेड पे 4600 रुपए भी दिया जाएगा। राज्य के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि इससे पुलिस जवानों (Uttarakhand Police) को उन्नति के और अधिक अवसर मिलेंगे।
Uttarakhand Police में 17500 सिपाहियों के पद हैं सृजित
बता दें कि उत्तराखंड पुलिस विभाग (Uttarakhand Police) में 17500 सिपाहियों के पद सृजित हैं। वहीं, उत्तराखंड पुलिस में हेड कांस्टेबल के 3440 पद वर्तमान में है। जबकि एडिशनल एसआई का कोई भी पद अभी तक उत्तराखंड पुलिस विभाग में नहीं बनाया गया है। उत्तराखंड पुलिस में 20 साल से अधिक की सेवा कर चुके पुलिस जवान और उनके परिजन 4600 ग्रेड पे और पदोन्नति की मांग कर रहे हैं। ऐसे में अब हेड कांस्टेबल रैंक के 1750 नए पद सृजित करने के साथ ही उन्हें एडिशनल एसआई का नया रैंक का दर्जा देने की कवायद करीब-करीब पूरी होने जा रही है।
20 साल से अधिक सेवा कर चुके पुलिस जवान कर चुके परिजनों संग आंदोलन
अब देखना होगा कि ग्रेड पे को लेकर आंदोलन कर रहे 20 साल से अधिक की सेवा कर चुके पुलिस जवान (Uttarakhand Police) इसे किस रूप में लेते हैं। दरअसल, चुनाव से पहले भी दोनों पार्टियों ने 4600 ग्रेड पे को लेकर पुलिस जवानों के साथ ही उनके परिजनों को खूब हरे सब्जबाग दिखाए थे, लेकिन चुनाव के बाद नई सरकार बनने के बाद भी उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ।
कहीं न कहीं उन्हें मात्र आश्वासन का झुनझुना पकड़ाकर नेताओं ने मात्र अपना चुनाव जीता। कुछ दिन पहले एक पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी।
दरअसल, उनकी पत्नी और बच्चे इस मामले को लेकर गांधी पार्क देहरादून के गेट पर धरने पर बैठ गई थीं। इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस कर्मी पर ही गाज गिरा दी गई। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ये नया फार्मूला पुलिस जवानों और उनके परिजनों की समझ में आता है या नहीं।