Uttarakhand: दो बाघों की संदिग्ध मौत ; एक को दिया गया था जहर

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Tiger Reserve
Tiger Reserve

Uttarakhand Devbhoomi Desk: इस साल जनवरी से मई तक उत्तराखंड में विभिन्न क्षेत्रों में हुई 12 बाघों (Tiger Reserve) की मौत के मामलों में लापरवाही की बात सामने आई है। इससे कुछ वन कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है। इस सारे मामले की जांच में दो बाघों की मौत को संदिग्ध माना गया है। यह बात भी सामने आई है कि इनमें से एक को जहर दिया गया था। वन मुख्यालय ने जांच रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया है और जल्द ही इसे शासन को सौंपा जाएगा।

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कॉर्बेट रेंज समेत कुमाऊं क्षेत्र में हुई बाघों की एक के बाद एक मौत की घटनाओं से विभाग में हड़कंप मच गया था। इसे लेकर सरकार भी सक्रिय हो गई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन प्रकरणों की गहनता से जांच करने और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए थे। वन मुख्यालय (Tiger Reserve) ने वन संरक्षक कुमाऊं से प्रकरण की जांच कराई।

Tiger Reserve

Tiger Reserve में लापरवाही के कारण हुई बाघों की मौत

मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं पीके पात्रो ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डा समीर सिन्हा को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में बाघों की हो रही लगातार मौत के कारणों का पता लग पाया है। अंतिम रेपोर्ट्स से यही पता चल पाया है की बाघों (Tiger Reserve) की मौत के कुछ मामलों में लापरवाही सामने आई है। दो बाघों की मौत संदिग्ध मानी गई है। इनमें से एक की विसरा रिपोर्ट में जहर की बात सामने आई है। इस सबको देखते हुए वन मुख्यालय विभाग के कुछ कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई करने का फैसला किया है।

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