भारत का एक ऐसा गांव जहां हिंदू हो चाहे मुस्लिम सब करते हैं संस्कृत में बात

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अगर हम आपसे कहें कि भारत में एक ऐसी जगह मौजूद है जहां हिंदू हो चाहे मुस्लिम हर कोई सिर्फ और सिर्फ संस्कृत में बात करता है। आपको लोग यकीन नहीं कर पाओगे लेकिन ये जगह मौजूद है कर्नाटक के मत्तूरु में। यहां रहने वाला हर एक शख्स संस्कृत में ही बात करता है फिर चाहे वो हिंदू हो या मुस्लिम। सबसे दिलचस्प बात ये है कि यहां के आसपास के गांव के लोग कन्नड भाषा बोलेत हैं बावजूद इसके मत्तुरु में बच्चा बच्चा संस्कृत में बात करता है।

मत्तूरु भारत के कर्नाटक राज्य के शिमोगा जिले में स्थित एक नगर है। मत्तूरु के सभी लोग दिन प्रतिदिन के कामों के लिए संस्कृत का उपयोग करते हैं। जबकि कर्नाटक की राजभाषा कन्नड है।

यहां ना ही कोई होटल है ना ही गेस्ट हाउस है यहां के लोग मेंहमानों को अपने घरों में ठहराते हैं और घर में ही खाना खिलाते हैं।

इस गांव के बच्चों को 10 साल पूरा हो जाने के बाद वेदों का शिक्षण दिया जाता है। सभी बच्चे यहां पर संस्कृत में बात करते हैं। यहां दिवारों पर लगे स्लोगन भी संस्कृत में ही लिखे जाते हैं।

गांव का इतिहास

मत्तुरु गांव के ग्रामिणों द्वारा 1980 में कन्नड़ और तमिल बोली जाती थी। संस्कृत को उच्च जाति ब्राह्राणों की भाषा मानी जाती थी। तब स्थानीय धार्मिक केंद्र पुजारी ने गांव के निवासियों को संस्कृत को अपनी मूल भाषा के रूप में अपनाने के लिए कहा। फिर पूरे गांव ने इस पर ध्यान दिया और प्राचीन भाषा में बात करना शुरु कर दिया। और तब से लेकर आज तक यहां संस्कृत भाषा में ही बात किया जाता है।

जितना खूबसूरत ये गांव है उतने ही अच्छे यहां के लोग हैं यहां सभी लोग न केवल अपनी दिनचर्या में संस्कृत भाषा का प्रयोग करते हैं बल्कि वे लोगों को सिखाने में भी दिलचस्पी रखते हैं और पढ़ाने के लिए भी तैयार रहते हैं। इस गांव की अगली पीढ़ी भी संस्कृत को बड़े शौक से अपनी रही है।