एक घंटे देर पहुंची 108, दर्द से कराहती गर्भवती महिला ने NH पर ही दे दिया बच्चे को जन्म

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चमोली/देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड में केंद्र और राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के दुरुस्त होने के तमाम दावे करती है, लेकिन आज भी पहाड़ की पहाड़ जैसी समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं। हाल यह है कि नेशनल हाईवे पर ही एंबुलेंस के देर में पहुंचने पर गर्भवती महिला ने 108 वाहन में ही बच्चे को जन्म दे दिया। गनीमत यह रही कि दोनों जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। 108 एंबुलेंस को पीड़ित के परिजनों ने काॅल किया था लेकिन, वाहन मौके पर एक घंटे लेट पहुंचा। जिससे महिला की हालत बिगड़ती चली गई। जैसे ही महिला को 108 वाहन में बैठाया गया तो उसकी हालत और ज्यादा बिगड़ती गई। जिला अस्पताल चमोली पहुंचने से पहले ही महिला ने बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर 108 में ही बच्चे को जन्म दे दिया।

108 BABY

गर्भवती महिला के पति राम बाबू ने बताया कि मारवाड़ी चौक बदरीनाथ हाईवे के पास उनकी पत्नी ने 108 वाहन में ही बच्चे को जन्म दिया है। महिला के पति का आरोप है कि 108 समय पर पहुंच जाती तो महिला को अस्पताल में बेहतर इलाज मिल जाता और डॉक्टरों की देखरेख में उसकी डिलीवरी होती। उन्होंने बताया कि गर्भवती पत्नी को 108 में जैसे ही बैठाया गया तो उसकी हालत और बिगड़ने लगी। ऐसे में उसने 108 वाहन में ही बच्चे को जन्म दिया। अस्पताल जिला अस्पताल चमोली पहुंचने पर वहां मौजूद बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संदीप निगम ने बच्चे का स्वास्थ्य जांचा तो स्वस्थ्य मिला। जबकि महिला की हालत भी अब ठीक है।

आपातकालीन सेवाओं का पहाड़ी राज्य की सुविधाविहीन इलाकों में इस तरह लेटलतीफी करना बीमार लोगों की जान से सीधा खिलवाड़ करने जैसा है। कई बार बीमार को इलाज के लिए समय पर अस्पताल न पहुंच पाने से मौके पर ही लोग जान गंवा बैठते हैं। अक्सर ऐसा किसी सड़क हादसे के बाद देखने को मिलता है। कई लोग तुरंत इलाज न मिलने पर मौके पर ही दम तोड़ देते हैं। कई मरीज देर से अस्पताल पहुँचने पर से पहले ही रास्ते में या फिर अस्पताल पहुँचने के बाद दम तोड़ देते हैं।