कड़ाके की ठंड में खुले में पढ़ने को मजबूर छात्र, कौन है जिम्मेदार ?

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रुद्रप्रयाग।(संवाददाता- नरेश भट्ट): रुद्रप्रयाग जिले के रानीगढ़ पट्टी क्षेत्र के अन्तर्गत राइंका चमकोट का भवन दस वर्ष बाद भी बनकर तैयार नहीं हो पाया है। उत्तराखंड निर्माण निगम की लापरवाही के कारण आज तक भवन नहीं बन पाया है। निर्माण एजेंसी ने निर्माण कार्य को आधा-अधूरा छोड़ दिया है। विद्यालय का जो पुराना भवन है, वह जर्जर हालात में है। शिक्षा विभाग की ओर से जर्जर भवन के ट्रीटमेंट को लेकर धनराशि स्वीकृति कराने के बाद ग्रामीण निर्माण विभाग को कार्य सौंपा गया, मगर इस कार्य को भी ठेकेदार छोड़कर चला गया है। ऐसे में जहां छात्रों को खुले आसमान के नीचे अध्ययन करना पड़ रहा है, वहीं क्षेत्रीय जनता में आक्रोश भी बना हुआ है।

बता दें कि विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के अन्तर्गत राइंका चमकोट का मुख्य भवन जर्जर होने के बाद नवीन भवन का कार्य वर्ष 2007-08 में शुरू किया गया था, लेकिन तीन वर्षों तक निर्माण कार्य चलने के बाद 10 वर्ष से कार्य बंद पड़ा है। जबकि इस भवन पर 84.5 लाख रुपए की धनराशि खर्च की जा चुकी है। उत्तराखंड निर्माण निगम ने स्कूल भवन के लिए अतिरिक्त धनराशि की मांग की। इसके बाद 128.44 लाख का रिवाइज एस्टीमेट भेजा गया, जिसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। ऐसे में पुराने भवन में छात्रों का अध्ययन चल रहा है। कड़ाके की ठंड में छात्र खुले में अध्ययन करने को मजबूर हैं। मुख्य भवन के ट्रीटमेंट को लेकर हालांकि विधायक निधि से कुछ कक्षाओं की मरम्मत की गई, मगर यह राशि पर्याप्त न होने पर पुनः विद्यालय प्रबंधन के प्रयासों से शिक्षा विभाग से अन्य कक्षाओं की मरम्मत के लिए 20 लाख की धनराशि प्रदान की गई। जिसके बाद ग्रामीण निर्माण विभाग को निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई। टेंडर के बाद चहेते ठेकेदार को काम दिया गया, मगर ठेकेदार विद्यायल भवन के दो कमरों की छत तोड़कर कार्य को अधूरा छोड़ गया। पुनः दूसरे ठेकेदार को कार्य दिया गया, जिसने फिर अन्य दो और कमरों की छत तोड़ दी और अब मरम्मत करने के बजाय निर्माण कार्य को अधूरे में छोड़ रखा है। स्कूल प्रबंधन के सामने अब विद्यार्थियों को बिठाने की भी समस्या खड़ी हो गई है। ग्रामीण प्रदीप रावत ने कहा कि स्कूल की नई बिल्डिंग का कार्य पूरा नहीं हो पाया है और पुराने भवन की मरम्मत के बजाय ठेकेदारों ने वहां तोड़फोड़ कर उसे आधे में लटका दिया है। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री से लेकर जिलाधिकारी सहित तमाम जिम्मेदारों से पत्राचार करने के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। अब ऐसे में क्षेत्र की जनता के पास आंदोलन के सिवाय कोई रास्ता नहीं रह गया है।

वहीं मामले में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि राइंका चमकोट के भवन का कार्य पूरा कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। शासन को रिवाइज एस्टीमेट भेजा गया है। जैसे ही धनराशि स्वीकृत होती है, कार्य को तेजी से पूरा करवाया जायेगा।

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