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अलविदा! क्यों सामाजिक न्याय के योद्धा के नाम से जाने जाते थे Sharad Yadav

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Uttarakhand Devbhoomi Desk: भारतीय राजनीति इस समय शोक की लहर में डूबी है। बता दें कि गुरूवार को सामाजिक न्याय के योद्धा शरद यादव ने (sharad yadav news) 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। समाजवाद वाली राजनीति के जरिए जनता के बीच अलग पहचान बनाने वाले नेता शरद यादव के इस तरह दुनिया से चले जाने पर सियासत में गम का माहौल छा गया।

बिहार की राजनीति में अपनी खास पहचान बनाने (sharad yadav news) वाले Sharad Yadav लम्बे समय से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे। पिछले कुछ दिनों से वह ठीक नही थे जिसके चलते उन्हें गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन गुरुवार रात उसी अस्पताल में उनका निधन हो गया। इस बात की पुष्टि उनकी बेटी ने की है। बताया जा रहा है कि आज दिनभर उनका पार्थिव शरीर छतरपुर में स्थित 5 वेस्टर्न (डीएलएफ) आवास पर दर्शन के लिए रखा जाएगा।

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sharad yadav news: प्रमुख समाजवादी नेता के तौर पर जाने जाते थे

बता दें कि शरद यादव की सियासत में एंट्री छात्र राजनीति से हुई थी। वह मध्य प्रदेश (sharad yadav news)के बंदाई गांव में किसान परिवार में जन्मे थे। अपने राजनीतिक जीवन में वह कुल सात बार लोकसभा सांसद चुने गए और तीन बार राज्यसभा सांसद बने। वह बिहार की मधेपुरा सीट से सांसद रहे थे। उन्होने कई राजनीतिक आंदोलनों में भी हिस्सा लिया।

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शरद यादव के निधन से देश की राजनीति में शोक की लहर है। राजनीतिक नेता नीतीश, लालू सहित भाजपा नेताओं ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। वहीं पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर कहा कि ‘श्री शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे। मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. शांति। ‘

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