लखनऊ ATS का बड़ा खुलासा, Rohingya Muslims बने वोटर

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Rohingya Muslims

लखनऊ ब्यूरो- Rohingya Muslims को लेकर एक बड़े खुलासे में लखनऊ की ATS यूनिट ने ये पाया है कि फर्जी कागजात के आधार पर भारी संख्यां में Rohingya Muslims पहचान पत्र बनवाकर भारतीय मतदाता बन गए हैं। एक साल पहले अलीगढ़ से जिस रोहिंग्या मुसलमान को पकड़ा गया था उसके मतदाता पहचान पत्र की असली जानकारी आने के बाद उसे निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।

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Rohingya Muslims का रिकॉर्ड निकाला जा रहा

अलीगढ़ से पकड़े गए फारूक से जानकारी के आधार पर ये पता चला है कि असल में वो हसन अहमद है और वह मूलतः म्यांमार का रहने वाला है। इस खुलासे के बाद ATS के कान खड़े हो गए हैं और अब ATS पूरे प्रदेश भर में बसे Rohingya Muslims का रिकॉर्ड निकालना शुरू कर दिया है।

2021 में भी Rohingya Muslims पर कार्रवाई हो चुकी है

पुलिस रिकार्ड्स के अनुसार 2021 में भी पुलिस के आतंकवादी निरोधक दस्ते ने इन Rohingya Muslims पर मानव तस्करी के मामले में कार्रवाई कर चुकी है जहां अलीगढ़ और नोएडा से इनकी गिरफ्तारियां हुई थी। उस समय म्यांमार से ATS को इनपुट मिला था की म्यांमार से रोहिंग्या को बांग्लादेश के रास्ते देश में देश विरोधी काम के लिए लाया गया और इसी के बाद 28 फ़रवरी 2021 को फारूख को नोएडा के परी चौक से गिरफ्तार किया गया था।

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गृह मंत्रालय का आदेश, रोहिंग्या को वापस भेजा जाये

सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय ने अपने एक एडवाइजरी में साफ़ कहा है कि इन रोहिंग्याओं को तुरंत उनके देश भेजा जाये और उनकी इस मांग को अस्वीकार कर दिया जिसमें उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के फ्लैटों में रहने की गुहार लगायी थी। ये आदेश दिल्ली सरकार को भेजा गया है और उनसे सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी हाल में इन अवैध विदेशियों को इनके देश वापस भेजा जाये और तब तक इनको निरुद्ध केंद्रों में रखा जाये।

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