इस रोड पर जगह-जगह उखड़ गया डामर, सफर करना बना जानलेवा

0
252
uttarakhand news
uttarakhand news

पीएमजीएसवाई के तहत कोल्लू बैंड-स्वांरी ग्वांस मोटर मार्ग बना खतरनाक, सवालों के घेरे में विभागीय कार्यप्रणाली

रुद्रप्रयाग (नरेश भट्ट): रुद्रप्रयाग जिले के अन्तर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की अनदेखी के कारण कोल्लू बैंड-स्वांरी ग्वांस आठ किमी मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है। मोटरमार्ग पर जगह-जगह बने गड्डे और डामरीकरण उखड़ने से मार्ग पर कभी भी बड़े हादसे को न्यौता मिल सकता है। विभाग की ओर से मार्ग के रख-रखाव पर प्रति वर्ष लाखों रुपये पानी की तरह बहाये जा रहे हैं, बावजूद इसके व्यय होने वाली धनराशि का धरातलीय क्रियावयन न होने से विभागीय कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है।

devbhoomi
devbhoomi

बता दें कि पीएमजीएसवाई रुद्रप्रयाग के तहत कोल्लू बैंड-स्वांरी ग्वांस मोटर मार्ग निर्माण काल से ही विवादों में रहा है। मार्ग निर्माण के दौरान विभाग द्वारा गुणवत्ता को दरकिनार किया गया, जिसके बाद ग्रामीणों ने डीएम से निर्माण की जांच की मांग की। तत्कालीन जिलाधिकारी राघव लंगर ने मजिस्ट्रेट जांच तो बिठाई, मगर मजिस्ट्रेट जांच किन फाइलों में कैद हुई यह आज तक यक्ष प्रश्न बना हुआ है। वर्ष 2019 में विभाग ने मोटर मार्ग के अनुरक्षण पर लाखों रुपये व्यय किये, मगर दिसम्बर माह में व्यय हुए लाखों रुपये का मामला फिर जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचा। कड़ाके की ठंड में डामरीकरण होने के मामले पर जिला प्रशासन ने आनन-फानन में जांच बिठाई, लेकिन वह जांच भी आज तक फाइलों में धूल फांक रही है। वर्तमान समय की बात करें तो विभागीय अनदेखी के कारण मार्ग के 70 प्रतिशत हिस्से का डामरीकरण उखड़ने से ग्रामीणों को जान-जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय लापरवाही के कारण मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है और मोटर मार्ग पर बने गडडे कभी भी बडे़ हादसे को न्यौता दे सकते हैं। मार्ग पर अधिकांश डामरीकरण उखड़ने से मोटर मार्ग गड्डों में तब्दील होता जा रहा है।

uttarakhand news
uttarakhand news

यदि समय रहते विभाग ने मोटर मार्ग की सुध नहीं ली तो ग्रामीणों को पीएमजीएसवाई के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन व संबंधित विभाग की होगी। वहीं पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता वाईएस सजवाण ने कहा कि मोटरमार्ग के मेंटेनेंस के लिए एक करोड़ नौ लाख का स्टीमेट शासन को भेजा गया, जिस पर आज तक धनराशि स्वीकृति नहीं हुई है। जिस कारण डामर किया जाना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में शासन स्तर से कोल्लू बैंड-स्वांरी ग्वांस मोटरमार्ग को लोक निर्माण विभाग को हस्तातंरित करने के निर्देश हुए है। मोटरमार्ग को 25 मार्च तक हस्तांतरित किया जाना था, मगर लोनिवि की ओर से इस पर कोई अमल नहीं किया जा रहा है।

devbhoomi
devbhoomi