ट्रेन में बच्चों के टिकट लगने का रेल मंत्रालय ने किया खंडन

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कई मीडिया रिपोर्ट्स की तरफ से जानकारी दी जा रही थी कि अब उन बच्चों का भी ट्रेन में यात्रा करने का टिकट लगेगा जिनकी उम्र एक से चार साल की है।

जिसके बाद रेल मंत्रालय के द्वारा आज इस तरह की खबरों का खंडन किया गया। रेल मंत्रालय ने साफ़ शब्दों में कहा कि पहले जैसे नियम ही बरकरार रहेंगे, नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

रेल मंत्रालय ने मीडिया रिपोर्टो को भ्रामक बताया।

नियमों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं

मंत्रालय के द्वारा कहा गया कि जो यात्री रेल से यात्रा करते है उन्हें उन बच्चों का टिकट नहीं खरीदना  होगा जिनकी उम्र पांच साल से कम है। मंत्रालय के द्वारा इस बात की स्पष्ट जानकारी दी गयी कि यात्री पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टिकट तभी खरीदेंगे जब वे अलग बर्थ लेना चाहते हैं। रेल मंत्रालय के द्वारा कहा गया कि अगर उन्हें अलग बर्थ नहीं चाहिए तो फ्री टिकट की सुविधा बच्चों के लिए मुफ़्त है, नियमों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।

बच्चों के लिए अलग बर्थ लेना चाहते हैं तो लेना होगा टिकट

रेल मंत्रालय के द्वारा 6 मार्च, 2020 के सर्कुलर का जिक्र किया गया। उन्होंने कहा कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे रेल में मुफ्त यात्रा कर सकते हैं। उनकी यात्रा का कोई टिकट नहीं लगेगा। रेल मंत्रालय कि ओर से बयान दिया गया कि अगर किसी बच्चे की उम्र पांच वर्ष से कम है और उनके लिए बर्थ/सीट मांगी गयी तो उन बच्चों का टिकट भी वयस्क की टिकट के बराबर ही लगेगा।

“अब लोग भाजपा का पूरा टिकट काट देंगे।‘’

बता दें जैसे ही मीडिया की तरफ से खबरें आयी कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी अब रेल में यात्रा का टिकट खरीदना होगा तो इस मामले पर सबसे पहले समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उनके द्वारा कहा गया कि “रेलवे अब गरीबों के लिए नहीं है। अब लोग भाजपा का पूरा टिकट काट देंगे।‘’