अफसरों का खेल…? किराये की 1300 चाइनीज ई-टिकट मशीन से कंडक्टर परेशान!

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कभी मशीन खुलती ही नहीं तो कभी हो जाती है बंद, परेशान कंडक्टरों ने कई वापस लौटाई

देहरादून/हल्द्वानी, ब्यूरो। उत्तराखंड परिवहन निगम में अफसरों ने बड़ा खेल किया है। दस साल तक पहले चाइनीज की बजाय अच्छी कंपनी की मशीने किराये पर ली थी। दस साल तक कोई दिक्कत नहीं आई। अब 1300 ई-टिकट मशीनों को उत्तराखंड परिवहन निगम ने किराये पर लिया है। इनमें कई मशीनें ऐसी हैं जो कई बार चलते-चलते बंद हो जाती हैं। जबकि कई बार किराये काटते वक्त खुलती ही नहीं। कुल मिलाकर अफसरों ने एक ओर जहां 450 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से किराये पर ले रखी हैं। एक ओर जहां रोजाना लाखों रुपये परिवहन निगम किराये के रूप में खर्च कर रहा है वहीं मशीनें भी ठीक नहीं हैं। ऐसे में अब कई कंडक्टर इन्हें लौटाने भी लगे हैं। मीडिया की सुर्खियों में मामला आने के बाद मंत्री चंदन राम दास ने भी संज्ञान लिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

सवाल यह उठा रहा है कि ऐसी घटिया चाइनीज मशीनों को आखिर अफसरों ने क्यों खरीदा। जानकारी के अनुसार उत्तराखंड परिवहन निगम ने तीन साल के लिए ये ई-टिकट मशीनें किराये पर हैं। सभी मशीन के बाहर ही यह साफ-साफ भी दर्ज है। इससे दस साल तक सभी स्वदेशी मशीनें थी।

uttarakhand roadways bus
तीन दिन पहले ही उत्तराखंड के परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने इस ई-टिकट खरीद मामले के जांच के निर्देश दिए हैं। लेकिन, अब देखना होगा कि विभागीय अफसर ही अपने विभाग के अफसरों की कैसे जांच करेंगे। किसी दूसरे अफसर से मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जानी चाहिए। उत्तराखंड परिवहन निगम के हल्द्वानी डिपो को 80 मशीनें दी गई थी, लेकिन आठ में दिक्कत आने की वजह से परिचालकों ने इन्हें वापस कर दिया।

वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड परिवहन निगम निगम अफसरों का कहना है कि सभी मशीनें ठीक हैं। नए फंक्शन होने के कारण इनके संचालन में कई कंडक्टरों को दिक्कत सामने आ रही हैं। उनका कहा है कि जल्द तकनीकी टीम कंडक्टरों को इसका प्रशिक्षण देगी। अब देखना होगा कि मंत्री के निर्देश पर कोई जांच होती है या फिर तकनीकी टीम कंडक्टरों को मशीन चलाने का तकनीकी प्रशिक्षण देते हैं।

अफसरों का खेल…? किराये की 1300 चाइनीज ई-टिकट मशीन से कंडक्टर परेशान!