सात पीढ़ियों से प्यास बुझा रहे प्राकृतिक स्त्रोत का अस्तित्व क्यों हो रहा है खत्म?

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रुद्रप्रयाग (संवाददाता- नरेश भट्ट): जिला मुख्यालय स्थित गुलाबराय में दशकों पुराना जलस्त्रोत रेल परियोजना की भेंट चढ़ चुका है। ऐसे में स्थानीय लोगों के साथ ही शहरवासी

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खासे परेशान हैं। इस जल स्त्रोत से दूर-दराज से लोग पानी भरने को आते थे, जबकि गर्मियों के समय में जब नगर क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति बाधित हो जाती है तो सभी लोग इसी जल स्त्रोत से प्यास बुझाते थे, मगर अब यह भी खत्म हो चुका है, जिस कारण लोगों को भविष्य की चिंता भी सताने लगी है।

बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के तहत रैंतोली बाईपास के पास निर्माणाधीन सुंरग के कारण गुलाबराय स्थित वर्षो पुराना प्राकृतिक जल स्त्रोत सूख गया है। स्त्रोत के सूखने से नगर क्षेत्र की जलापूर्ति पर बुरा असर पड़ रहा है। एक माह से प्राकृतिक स्त्रोत पर पानी नहीं आ रहा है और लोगों की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। अभी तो जल संस्थान की पेयजल लाइन से आपूर्ति हो रही है, जिस पर गर्मियों के सीजन में पानी की सप्लाई बंद हो जाती है और प्राकृतिक जल स्त्रोत के जरिये प्यास बुझाई जाती थी, मगर अब ऐसे हालात लोगों के सामने आ गये हैं कि वे चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। ग्रीष्मकाल में रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार, सुविधानगर, भाणाधर, पुनाड़, बेलणी सहित अन्य जगहों के लोग भी इस स्त्रोत पर निर्भर थे। रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र की जन संख्या करीब 15 हजार है और यह स्त्रोत नगर क्षेत्रवासियों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं था। अब इस पर रेल परियोजना की नजर लगने से सूख चुका है। ऑल वेदर परियोजना के तहत बद्रीनाथ हाईवे चैड़ीकरण के समय भी प्राकृतिक जल धरोहर को बचाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन रेल निर्माण के तहत रैंतोली में सुरंग बनने से इसका अस्तित्व ही खत्म हो चुका है। स्थानीय निवासी सरस्वती देवी, संजय देवली, लज्जावती देवी ने बताया कि सात पीढ़ियों से गुलाबराय स्थित जल स्त्रोत से पानी की आपूर्ति हो रही है, मगर रेल निर्माण के कार्य के बाद से पानी पहले धीरे-धीरे कम होता गया और फिर अचानक से पूरा ही बंद हो गया है। एक माह से स्त्रोत पर पानी नहीं आ रहा है। स्त्रोत के लगभग एक किमी पीछे सुरंग बन रही है, जिस कारण पानी का स्त्रोत ही सूख चुका है। जहां सुरंग का निर्माण हो रहा है, वहां पानी निकल रहा है। इससे साफ है कि सुरंग निर्माण के कारण गुलाबराय स्थित प्राकृतिक जल स्त्रोत पर पानी बंद हुआ है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द भू-गर्भ वैज्ञानिकों से प्राकृतिक जल स्त्रोत का सर्वेक्षण कराया जाए, जिससे जल स्त्रोत पुनर्जीवित हो सके और गर्मियों में होने वाली समस्या से स्थानीय लोगों को राहत मिल सके।

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