/ Dec 14, 2025
All rights reserved with Masterstroke Media Private Limited.
NATIONAL ENERGY CONSERVATION DAY: ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आज यानी 14 दिसंबर को देश भर में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में एक मुख्य समारोह का आयोजन किया गया है, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि हैं। यह आयोजन विद्युत मंत्रालय के मार्गदर्शन में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य औद्योगिक इकाइयों और संस्थानों द्वारा ऊर्जा खपत कम करने के प्रयासों को मान्यता देना और उन्हें प्रोत्साहित करना है।

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए) 2025 के लिए खुले विज्ञापन के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसमें कुल 680 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस वर्ष की पुरस्कार संरचना में 7 व्यापक श्रेणियों के अंतर्गत 28 उपक्षेत्रों को शामिल किया गया है। इन श्रेणियों में उद्योग, परिवहन, भवन, संस्थान और उपकरण जैसे क्षेत्र प्रमुख हैं। एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत इस वर्ष सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक नई श्रेणी की शुरुआत की गई है। राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता 2025 में भी छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। इस वर्ष देश भर के 1 लाख 10 हजार विद्यालयों से 8 लाख से अधिक छात्रों ने इसमें भागीदारी की।

भारत में प्रतिवर्ष 14 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ (National Energy Conservation Day) मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य देश भर में ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में आम लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन ऊर्जा के सीमित संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और भविष्य के लिए ऊर्जा बचाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। भारत में ऊर्जा संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए वर्ष 2001 में ‘ऊर्जा संरक्षण अधिनियम’ लागू किया गया था। इस अधिनियम की स्थापना ‘ऊर्जा दक्षता ब्यूरो‘ (BEE) द्वारा की गई थी।

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत सरकार के अंतर्गत आने वाला एक संवैधानिक निकाय है। यह संस्था देश में ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए विभिन्न नीतियों और रणनीतियों के विकास में सरकार की मदद करती है। बीईई का कार्य ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना और विभिन्न क्षेत्रों में इसके प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है। ऊर्जा संरक्षण अधिनियम का उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में पेशेवर और योग्य प्रबंधकों के साथ-साथ लेखा परीक्षकों (ऑडिटर्स) को नियुक्त करना है। ये विशेषज्ञ ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

देश दुनिया से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज
All Rights Reserved with Masterstroke Media Private Limited.