UTTARAKHAND DEVBHOOMI DESK:उत्तराखंड में इन दिनों चल रहे NANDA DEVI FESTIVA में संस्कृति और परंपराओं के रंग बिखरे रहे हैं। अल्मोड़ा में माँ नंदा-सुनंदा की शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण हुआ। बीते शुक्रवार की रात मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हुई, जिनके दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लग गया।
![उत्तराखंड में भक्तिमय माहौल, नंदादेवी महोत्सव की धूम 1 NANDA DEVI FESTIVAL](http://devbhoominews.com/wp-content/uploads/2023/09/download-1-1.jpg)
चंद वंशज युवराज नरेंद्र चंद सिंह ने फलसीमा से लाए कदली वृक्षों की पूजा-अर्चना की और मूर्तिकारों ने मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण शुरू किया। रात को पंडित लीलाधर जोशी, तारा दत्त जोशी ने मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा और पूजा संपन्न कराई। NANDA DEVI FESTIVAL में आज यानि शनिवार सुबह को महाअष्टमी को मां नंदा-सुनंदा के पूजन के लिए भक्तों का मंदिर में प्रवेश चार बजे से शुरू हो गया है।
![उत्तराखंड में भक्तिमय माहौल, नंदादेवी महोत्सव की धूम 2 NANDA DEVI FESTIVAL](http://devbhoominews.com/wp-content/uploads/2023/09/download-2-1.jpg)
चमोली में भी चल रही है NANDA DEVI FESTIVAL लोकजात यात्रा
चमोली जिले के नंदानगर में कुरुड़ गाँव से सात सितंबर से शुरू हुई NANDA DEVI FESTIVAL में मां नंदा की लोकजात यात्रा 240 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय करने के बाद कल शुक्रवार को सप्तमी के दिन 13 हजार फीट पर स्थित वेदनी बुग्याल पहुंची। नंदा देवी लोकजात यात्रा में छंतोलियां भी शामिल हुईं। बेदनी में माँ नंदा की पूजा-अर्चना की गई और भक्तों द्वारा पारंपरिक नृत्य झोंड़ा भी किया गया।
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NANDA DEVI FESTIVAL: 29 सितंबर तक चलेगी यात्रा
शुक्रवार को NANDA DEVI FESTIVAL की लोकजात यात्रा में कई गांवों की छंतोलियां भी शामिल हुईं। इसके अलावा कुंड के पास स्थित महेश मर्दिनी मंदिर के पंडित कुनियाल ब्राह्मण उमेश कुनियाल और रमेश कुनियाल ने गौरी शंकर की पूजा की और श्रद्धालुओं ने पारंपरिक नृत्य किया। वेदनी पहुंचे श्रद्धालुओं ने नंदा और शिव भगवान की ब्रह्मकमल से पूजा अर्चना की। कुरुड़ मंदिर समिति के अध्यक्ष नरेश गौड़ के अनुसार डोली वापसी के विभिन्न पड़ावों से होते हुए 29 सितंबर को देवराड़ा मंदिर के स्वर्ण सिंहासन के गर्भगृह में छह माह के लिए विराजमान हो जाएगी।
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